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मैं मायके तो जाऊंगी ही जाऊंगी, साथ में पेड की जडों में तेज़ाब भी डालकर जाऊंगी…
बचपने में ही उन दोनों भाईयों की अम्मा चल बसी थी। अम्मा को पेड पौधों से बहुत प्रेम था, अम्मा ने आंगन में तुलसी, सदाबहार, जामुन, नींबू, अमरूद और आम के पौधे लगाए थे। जब तक वो जीवित थी, पौधे वृद्धि करते रहे। पौधों के साथ दोनो भाई भी बडे हो रहे थे। बदकिस्मती उन […]
ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं…वफ़ा-दारी का दावा क्यों करें हम!!
कश्मीरा शाह चतुर्वेदी ========= नया इक रिश्ता पैदा क्यों करें हम बिछड़ना है तो झगड़ा क्यों करें हम ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी कोई हंगामा बरपा क्यों करें हम ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं वफ़ा-दारी का दावा क्यों करें हम वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यों करें हम […]
चलो लड़कियों बखेड़ा खड़ा करते हैं
Surendra Kalyana Nokha ============ चलो लड़कियों बखेड़ा खड़ा करते हैं नौ रात्री शुरू होने वाली थी। मंदिर के सजावट और व्रत का सामान लेना था। प्रिया और उसकी दोनो नंदे बाजार की ओर निकल पड़ीं। बाजार में भीड़ के साथ साथ बड़ी रौनक भी थी और शोर भी। पूरा मार्केट सजा हुआ था। ननद भाभियां […]