लखनऊ। लखनऊ के बीबीडी इलाके में दो युवकों ने महिला दरोगा को बंधक बना लिया। शोहदे पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने का दबाव बनाया। विरोध पर जान से मारने की धमकी दी। फिर सड़क किनारे उसको छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने एक नामजद समेत तीन पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की।
फुटेज और मोबाइल नंबरों की मदद से आरोपियों को ट्रेस करने में पुलिस जुटी है। राजधानी के एक थाने में तैनात महिला दरोगा बीबीडी इलाके में रहती हैं। 13 अगस्त को उन्होंने प्रयागराज के हंडिया निवासी अंशुमान पांडेय पर एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि अंशुमान उनको परेशान कर रहा है।
अलग-अलग नंबरों से 87 बार कॉल की। अब आरोप है कि 11 सितंबर की रात करीब 12 बजे घर का दरवाजा खटखटाया गया। जब वह बाहर निकलीं तो दो युवक खड़े थे। उन्होंने कहा कि तुम्हारे खिलाफ नोटिस आया है। बातों में उलझाया और फिर वहां से घसीटकर पास में खड़ी कार में बैठा लिया।
इधर उधर घुमाते रहे। इसी दौरान उन्होंने धमकी दी कि अगर उन्होंने अंशुमान के खिलाफ दर्ज कराए गए केस को वापस नहीं लिया तो अंजाम गंभीर होगा। एक सादे कागज पर हस्ताक्षर भी करवा लिए।
डायल किया 112, भाग निकले दोनों
महिला दरोगा के मुताबिक कार में जब वह बैठी थीं तब किसी तरह से 112 डायल कर दिया। आरोपियों को इसकी जैसे ही जानकारी हुई उन्होंने सड़क किनारे उनको उतारा और धमकी देते हुए भाग निकले। इंस्पेक्टर बीबीडी अजय नारायण सिंह ने बताया कि महिला दरोगा की तहरीर पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
कार्रवाई में देरी हुई, ले लिया था स्टे
एक महीने पहले आरोपी अंशुमान पर महिला दरोगा ने केस दर्ज कराया था। उसमें पुलिस ने कार्रवाई करने में देरी कर दी थी। तब तक आरोपी ने कोर्ट से अरेस्ट स्टे ले लिया था। ऐसे में गिरफ्तारी संभव नहीं थी। लिहाजा उसने अब दोबारा घटना को अंजाम दिया।