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लखनऊ : केजीएमयू थोरेसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डा.शैलेंद्र यादव ने कटे गर्दन को जोड़कर रचा इतिहास

Harish Jain
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*केजीएमयू थोरेसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डा.शैलेंद्र यादव ने कटे गर्दन को जोड़कर रचा इतिहास*
*डॉक्टर होता है भगवान का रूप, इसको डॉ. शैलेन्द्र यादव ने किया चरितार्थ*

किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) लखनऊ के थोरेसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र यादव की टीम ने महज एक नस के सहारे लटकी गर्दन को जोड़कर सीतापुर निवासी युवक को नया जीवन दिया। करीब पांच घंटे तक चली जटिल सर्जरी के बाद उसकी जान खतरे से बाहर है। सीतापुर के लहरपुर का युवक 27 जुलाई को हादसे का शिकार हुआ था। अचानक आए जानवर से बचने की कोशिश में उसकी बाइक सड़क से नीचे चली गई और वह लड़खड़ाकर गिर पड़ा। इस दौरान खेत के किनारे लगे लोहे के कंटीले तार से रगड़ने से उसकी गर्दन कट गई। सिर्फ एक नस के सहारे उसका सिर बाकी धड़ से जुड़ा रह गया। सांस और खाने की नली भी कट गई थीं। ऐसी हालत में घरवाले उसे लेकर सीधे केजीएमयू पहुंचे। यहां थोरेसिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र यादव की निगरानी में मरीज को भर्ती किया गया। युवक को बचाने के लिए उन्होंने तुरंत ऑपरेशन करने का फैसला किया। डॉ. शैलेंद्र यादव ने बताया कि सबसे पहले खून और फिर खाने व सांस की नली को जोड़ा गया। रात आठ बजे के करीब शुरू हुआ ऑपरेशन एक बजे के करीब पूरा हुआ। एक सप्ताह बाद मरीज की हालत में काफी सुधार आया। अब वह धीरे-धीरे बोल पा रहा है। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने डॉ. शैलेन्द्र यादव के इस अभूतपूर्व कार्य के लिए बधाई देते हुए कहा कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है,उसे डॉ. शैलेन्द्र यादव जी ने चरितार्थ कर दिया है।

– Vishnu Chansoliya