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लंदन में बना लिया गया है इमरान ख़ान की हत्या का ”फ़ाइनल” प्रोग्राम, सेना भी राज़ी : रिपोर्ट

https://www.youtube.com/watch?v=Wf3tlkANkas

बीती रात पाकिस्तान के कई शहरों में इमरान खान की पार्टी के नेताओं, कार्यकर्तों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया गया, सैंकड़ों लोगों को दौरान गिरफ्तार किया गया, इमरान खान की गिरफ़्तारी की भी चर्चा उड़ती रहीं, हज़ारों पीटीआई कार्यकर्त्ता ज़मान पार्क में इमरान खान के घर के आसपास जमा हो गए, पूरी रात वहां अफरातफरी का माहौल बना रहा, इस बीच इमरान खान ने एक वीडियो सन्देश भी जारी किया

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में अभी चुनाव नहीं होंगे, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लंदन में इमरान ख़ान की हत्या का प्रोग्राम बना लिया गया है, पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तान की हुकूमत मिल कर इस कार्यक्रम को अंजाम देंगे, पाकिस्तान का सत्ता पक्ष इमरान खान के रहते चुनाव नहीं करवाना चाहता है

नवाब शरीफ कई साल से लंदन में हैं, वो पाकिस्तान वापस आना चाहते हैं लेकिन उससे पहले वो चाहते कि उनके खिलाफ जितने भी मुकद्म्मे हैं वो सब ख़त्म कर दिए जाएँ, इमरान खान के रहते पाकिस्तान की मौजूदा हुकूमत नवाज़ शरीफ के मुकदद्मों को वापस लेने से डरी हुई है, पाकिस्तान का सत्ता पक्ष की तमाम पार्टियां और लीडर इमरान खान को हमेशा के लिए हटाना चाहते हैं, जानकारी के मुताबिक इमरान ख़ान को एलिमनेट करने के कार्यक्रम में वहां की सेना भी पूरी तरह से राज़ी है

https://www.youtube.com/watch?v=6nxUOT8Qm8Q

Imran Khan
@ImranKhanPTI
Strongly condemn arrest of Siddique Jan Bol news Bureau Chief Islamabad Anyone thought to be pro PTI is now brazenly targeted. Imran Riaz,Jamil Faruqi, Sabir Shakir,Sami Ibrahim,Ch Ghulam Hussain,Moeed Pirzada – all victimised. Arshad Sharif murdered. BOL & ARY owners targeted.

पाकिस्तान: इमरान ख़ान का आरोप, ‘अदालत में बिछाया गया था मौत का जाल’

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) प्रमुख इमरान ख़ान ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कुछ लोग अदालत परिसर में उनकी हत्या करना चाहते थे. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.

सोमवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को नाम दिया गया था ‘अदालत परिसर में बिछाया गया मौत का जाल’

इमरान ख़ान ने कहा, “शनिवार को घर से निकलते समय, मैंने अपनी पत्नी बुशरा बीबी को फ़ोन किया क्योंकि मुझे डर लग रहा था कि या तो मुझे गिरफ़्तार किया जाएगा या फिर मार दिया जाएगा.”

उन्होंने आरोप लगाया जब वो अदालत पहुंचे, तो परिसर में सुरक्षाबलों के अलावा सलवार कमीज़ पहने कई लोग मौजूद थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके वकील के साथ मारपीट की.

उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के सीएम मोशीन नकवी उन्हें मारना चाहते थे.

उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल से चुनाव होने वाले हैं लेकिन देश में चुनाव का माहौल नहीं बनने दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, “तहरीक-ए-इंसाफ़ चुनाव चाहता है, देश में हंगामा नहीं.”

इससे पहले पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटिब्लिटी ब्यूरो ने इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना मामले में समन भेजा.

उनसे 15 सवालों से जवाब मांगे गए हैं.

 

 

साल भर पहले देश की सत्ता में रही पाकिस्तान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ इन दिनों मुश्किलों में है। एक ओर जहां सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की राजनीतिक पार्टी पीटीआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के संकेत दिए हैं। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तानी पुलिस ने रविवार को इमरान खान और एक दर्जन से अधिक पार्टी नेताओं के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया है।

क्यों विवादों में है पीटीआई? पीटीआई को बैन क्यों किया जा सकता है? इसके नेताओं के खिलाफ आतंकवाद का मामला क्यों दर्ज हुआ? क्या पहले किसी पार्टी को बैन किया गया है? किसी भी राजनीतिक दल को बैन कैसे किया जा सकता है? इसके आधार क्या होते हैं? क्या बैन को अदालत में चुनौती दी जा सकती है?

आइये जानते हैं…

क्यों विवादों में है पीटीआई?
पड़ोसी देश पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पीटीआई पर प्रतिबंध का खतरा मडराने लगा है। दरअसल, शनिवार को लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पीटीआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। कार्रवाई के कारण की जानकारी देते हुए राणा ने कहा कि कानूनी टीम कई खुलासों के बाद इस मामले की जांच कर रही है। बयान के मुताबिक, जांच के बाद पार्टी के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है। हालांकि, गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी राजनीतिक दल को आधिकारिक रूप से प्रतिबंधित करना अंततः अदालतों पर निर्भर करता है।

पीटीआई को बैन क्यों किया जा सकता है?
गृह मंत्री के अनुसार, पंजाब पुलिस ने अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ लाहौर में ‘नो-गो एरिया’ के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया, जहां एक राजनीतिक नेता ने भय का माहौल बनाया था। बता दें, पूर्व पीएम के आवास में ‘नो-गो एरिया वह क्षेत्र है जहां किसी भी अधिकारी को घुसने की इजाजत नहीं थी। सनाउल्लाह ने कहा कि अदालती आदेशों के अनुपालन के दौरान विरोध का सामना करने के बाद कार्रवाई की गई, जिससे आतंकी संगठन की मौजूदगी के बारे में संभावना जताई गई।

क्या था जमान पार्क ऑपरेशन
इससे पहले शनिवार को तोशखाना मामले में गिरफ्तार करने पहुंची पाकिस्तान की पुलिस पूर्व प्रधानमंत्री को अरेस्ट नहीं कर सकी थी। जमान पार्क में सेना और पुलिस को कथित तौर पर इमरान समर्थकों के हिंसक विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद एक ऑपरेशन चलाया गया जिससे पार्क में नो-गो क्षेत्र हटा। तलाशी वारंट होने के बावजूद, अधिकारियों ने आवासीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सके। गृह मंत्री ने कहा कि आवास के बाहरी हिस्से से 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से ज्यादातर पंजाब के नहीं हैं और उनकी भूमिका संदिग्ध है।

वहीं पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) डॉ उस्मान अनवर ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान हथियार बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जमान पार्क में कुछ बंकर भी बने हैं जबकि कुछ बुलेट प्रूफ उपकरण भी मिले हैं।

पीटीआई नेताओं के खिलाफ आतंकवाद का मामला क्यों दर्ज हुआ?

पाकिस्तानी पुलिस ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और एक दर्जन से अधिक पीटीआई नेताओं के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया। उनके खिलाफ तोड़फोड़, सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने और यहां न्यायिक परिसर के बाहर अशांति पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

दरअसल, इस्लामाबाद न्यायिक परिसर के बाहर शनिवार को उस वक्त झड़पें हुईं, जब इमरान खान तोशखाना मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे थे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव के दौरान 25 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इसके बाद अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने कोर्ट की सुनवाई को 30 मार्च तक के लिए टाल दी।

क्या पहले किसी पार्टी को बैन क्या गया है?
यदि इमरान खान की पार्टी पर बैन लगता है, तो पीटीआई दो साल के अंदर प्रतिबंधित होने वाली दूसरी पार्टी बन जाएगी। इससे पहले अप्रैल 2021 में पाकिस्तान की कट्टरपंथी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह फैसला देशभर में हुए हिंसक विरोध के बाद आया था, जिसमें चार पुलिसकर्मियो की मौत हो गई थी और 340 घायल हो गए थे। पंजाब सरकार ने संघीय कैबिनेट से अनुमोदित होने के बाद प्रतिबंध के लिए अनुरोध किया था जिसके चलते आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 के तहत टीएलपी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। तहरीक-ए-लब्बैक को पाकिस्तान सरकार ने 15 अप्रैल, 2021 को प्रतिबंधित कर दिया था।

किसी भी राजनीतिक पार्टी को बैन कैसे किया जा सकता है?
किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाना पार्टी को भंग करने का पहला कदम होता है। राजनीतिक दल को भंग का उल्लेख पाकिस्तान चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 212 और पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 17 (2) में मिलता है। सरकार के घोषणा करने के 15 दिनों के भीतर संबंधित पक्ष के खिलाफ औपचारिक रूप से सर्वोच्च न्यायालय में एक उचित संदर्भ प्रस्तुत की आवश्यकता होती है।

इसके आधार क्या होते हैं?
सरकार के पास किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने के लिए उचित आधार की जरूरत होती है। आतंकवाद में लिप्तता और देश की शांति और सुरक्षा के प्रतिकूल कार्य कार्रवाई के लिए दो अहम आधार माने जाते हैं। प्रतिबंध के कारण राजनीतिक दल का दर्जा नहीं रह जाता। बाद में इसके बैंक खातों को जब्त किया जा सकता है, धन एकत्र करने और सभाओं का आयोजन करने या राजनीतिक गतिविधियों का संचालन करने से रोका जा सकता है।

पाकिस्तान में पहली बार कौन सी पार्टी बैन हुई?
टीएलपी कोई पहली पार्टी नहीं थी जब पाकिस्तान में किसी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को उखाड़ फेंकने की कोशिश के लिए 1954 में पाकिस्तान की कम्युनिस्ट पार्टी को गैरकानूनी घोषित करने वाला पहला राजनीतिक दल था।

क्या बैन को अदालत में चुनौती दी जा सकती है?
पार्टी पर प्रतिबंध लगाना पार्टी को भंग करने का पहला कदम होता है। राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का निर्णय ऐसा होता है जिसे अदालत में ले जाया जा सकता है, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय में। आतंकवाद कानूनों के तहत प्रतिबंध पर अंतिम मंजूरी कोर्ट की होती है।