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रूस में भी विपक्ष के नेता को जेल के अंदर ज़हर देकर मार दिया गया था….अखलेश यादव ने क्यों याद दिलाया, जानिये!

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बाहुबली नेता मुख़्तार अंसारी के निधन के बाद उनके परिजनों से मिलने ग़ाज़ीपुर स्थित उनके घर पहुंचे.

मुख़्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने बताया कि इस दौरान उनकी मां (अफ़सां अंसारी) और भाई (अब्बास अंसारी) को छोड़कर परिवार के बाक़ी सदस्य मौजूद थे.

वहीं अखिलेश यादव ने इस मुलाक़ात के बाद कहा कि मुख़्तार अंसारी की छवि को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया.

अखिलेश यादव ने कहा, “मैं परिवार के सभी सदस्यों से मिला हूं. दुख की इस घड़ी में परिवार के सदस्यों से मिलकर जा रहा हूं. जो घटना हुई है, वो शॉकिंग है, सबके लिए. ये तब और शॉकिंग है जब मुख़्तार अंसारी ने ख़ुद कहा था कि उन्हें ज़हर दिया जा रहा है.”

“हमें उम्मीद है कि सरकार सच्चाई सामने लाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा. मेरे साथ मनु और उमर अंसारी खड़े हैं, क्या इनके परदादा की आज़ादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं थी? इन बातों को सरकार छिपाना चाहती है.”

उन्होंने कहा, “कभी-कभी दूर बैठे लोगों को इस बात का अहसास नहीं होता कि वे कैसे थे. जो छवि दिखाई गई, वे वैसे नहीं थे. यह परिवार आज भी ग़रीबों के कल्याण में लगा हुआ है. यही वजह है कि हज़ारों की संख्या में लोग यहां जुटे और उन्होंने परिवार को संदेश दिया कि वे इस वक़्त में उनके साथ खड़े हैं.”

“हम कैसे कर सकते हैं, मान लीजिए कि यह स्वाभाविक मौत थी? यहां तक ​​कि रूस में भी विपक्ष के नेता को जेल के अंदर ज़हर देकर मार दिया गया था.”

मुख़्तार अंसारी के बेटे ने क्या कहा

उमर अंसारी ने कहा, “माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष (समाजवादी पार्टी के) अखिलेश यादव भइया आए थे. उन्होंने ग़म के इस मौक़े पर, जो इतना बड़ा ग़म हमारे ऊपर टूटा है, हमारे लिए जो अपूर्ण क्षति है, उसमें आकर हमारा हौसला बढ़ाया. हमें इमोशनली बैलेंस्ड करने की कोशिश की.”

उनके अनुसार, “मेरी माता जी नहीं थीं, मेरे बड़े भाई अब्बास अंसारी साहब नहीं थे, बाक़ी पूरा परिवार था. इन दोनों लोग की कमी थी, लेकिन इससे कहीं न कहीं मेरे सीने को कुछ क़रार आया है.”

अंसारी ने बताया, “जो नुकसान था, वो तो हो गया और अब उसकी कोई भरपाई तो हो नहीं सकती, लेकिन माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने हम लोगों को हिम्मत, हौसला दिया.”

उमर अंसारी के अनुसार, माननीय नेताजी (मुलायम सिंह यादव) जब थे, तब उन्होंने हमेशा हमारे पिता के अभिभावक के तौर पर उनका हाथ पकड़कर उनको संभाला. अब माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी हमारे गार्जियन हैं.