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रूस ने यूरोप को गैस की आपूर्ति अनिश्चित काल के लिए रोकी, रूस और पश्चिम के बीच जारी ऊर्जा युद्ध और तेज़ हुआ : विशेष रिपोर्ट

रूस और पश्चिम के बीच जारी ऊर्जा युद्ध और तेज़ हो गया

विश्व के सात औद्योगीक देशों के वित्त मंत्रियों ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन कांफ़्रेंस में रूसी तेल निर्यात के लिए मूल्य सीमा निर्धारित करने पर सहमति जताई है।

विश्व के सात औद्योगीक देशों या जी-7 के वित्त मंत्रियों ने घोषणा की है कि वे रूसी कच्चे तेल और तेल उत्पादों के समुद्री परिवहन पर कुछ पाबंदियां लगाने का इरादा रखते हैं, और केवल उस स्थिति में कि जब मास्को मूल्य सीमा का अनुपालन करेगा, तो उसके निर्यात किए गए तेल को परिवहन सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

जी-7 के वित्त मंत्रियों ने एक मूल्य कटौती तंत्र के निर्माण की भी घोषणा की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कमज़ोर देशों की रूस सहित ऊर्जा बाज़ार तक पहुंच बनी रहे। इसी के साथ उन्होंने तेल उत्पादन में वृद्धि का भी आह्वान किया और उत्पादन बढ़ाने के ओपेक के निर्णय का स्वागत किया। वाशिंगटन ने इसका स्वागत करते हुए, रूसी तेल निर्यात को होने वाले गंभीर नुक़सान की उम्मीद जताई है। अमरीकी ट्रेज़री मंत्री जेनेट येलेन ने दोहरे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी-7 के निर्णायक क़दम की सराहना करते हुए कहाः उन्हें जी-7 के अंतिम निर्णय के लागू होने का बेसब्री से इंतज़ार है, क्योंकि इससे यूक्रेन युद्ध में रूस की क्षमता पर असर पड़ेगा और रूस के आर्थिक पतन को भी गति प्राप्त होगी।

जी-7 का यह क़दम स्पष्ट रूप से रूसी अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करने और उसकी विदेशी मुद्रा आय को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन मास्को ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। जी-7 की बैठक से पहले, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा था कि रूसी तेल के लिए मूल्य सीमा निर्धारित करने से ऊर्जा बाज़ार में अस्थिरता पैदा होगी।

दूसरी ओर रूस भी पश्चिमी देशों की शत्रुतापूर्ण कार्यवाहियों का जवाब देने के लिए, यूरोप के लिए गैस की आपूर्ति में कटौती कर रहा है। रूसी ऊर्जा कंपनी गैज़प्रोम ने बुधवार को यूरोप के लिए नॉर्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन द्वारा आपूर्ति को तीन दिन के लिए रोक दिया था, लेकिन लेकिन शुक्रवार को कंपनी ने कहा कि तकनीकी ख़राबी के चलते आपूर्ति को अनिश्चित काल के लिए बंद किया जा रहा है।

इस प्रकार, यूरोप के लिए गैस की आपूर्ति करने वाली इस महत्वपूर्ण पाइपलाइन को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है, हालांकि इससे पहले यह कहा गया था कि पाइपलाइन की मरम्मत के बाद शनिवार से सामान्य रूप से गैस की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।

अब ऐसा लगता है कि रूस और पश्चिम के बीच जारी ऊर्जा युद्ध अब एक नए चरण में प्रवेश कर गया है। ऐसा चरण कि जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे को नुक़सान पहुंचाने के लिए हर सभी उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

रूस ने यूरोप को गैस की आपूर्ति अनिश्चित काल के लिए रोक दी

यूरोप में जारी ऊर्जा संकट के बीच, रूस की गैस कंपनी गैज़प्रोम ने नॉर्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन द्वारा यूरोप को की जाने वाली गैस आपूर्ति को अनिश्चित काल के लिए रोक दिया है।

गैज़प्रोम ने कहा बुधवार को कहा था कि तीन दिन के लिए गैस की आपूर्ति रोकी जा रही है, लेकिन शुक्रवार को कंपनी ने कहा कि तकनीकी ख़राबी के चलते आपूर्ति को अनिश्चित काल के लिए बंद किया जा रहा है।

ग़ौरतलब है कि यूरोप अपनी ज़रूरत की गैस का तक़रीबन एक तिहाई हिस्सा, रूस से आयात करता है। वहीं पश्चिमी देशों ने यूरोप के ऊर्जा संकट के लिए रूस को सीधे ज़िम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है।

इसी साल फ़रवरी में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था, जिसके बाद अमरीका और उसके सहयोगी देशों ने मॉस्को के ख़िलाफ़ कड़े आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगा दिए।

रूस अब पश्चिम के आर्थिक प्रतिबंधों का जवाब, यूरोप को सप्लाई की जाने वाली गैस में कटौती करके दे रहा है, जिससे सर्दियों का मौसम शुरू होने से ठीक पहले यूरोप में ऊर्जा संकट के अधिक गहराने का ख़तरा है।