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रूस, चीन, ईरान ने इसराइल और अमेरिका को गले से दबोच लिया है, बहुत जल्द इसराइल को ग़ज़ा में हमास से सामने हथियार डालने पड़ेंगे : रिपोर्ट

रूस और यूक्रेन की जंग को अबतक 20 महिने हो गए हैं, इस दौरान अमेरिका और यूरोप के 31 नेटो देशों ने यूक्रेन को सैंकड़ों अरब डॉलर के हथियार दिए हैं, ब्रिटेन, पोलैंड, जर्मनी, स्पेन आदि देशों के हज़ारों पूर्व सैनिक यूक्रेन की तरफ से जंग लड़ने के लिए मैदान में भेजे गए, अमेरिकी, UK की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने यूक्रेन को हर तरह की मदद की लेकिन रूस के सामने सब बेकार साबित हुई हैं, अकेले अमेरिका ने रूस पर 2200 से ज़्यादा sensitons लगा दी हैं, यूरोप के देशों ने अलग से तमाम तरह के प्रतिबन्ध लगा दिए थे, मगर वो रूस को न तो जंग में हरा सके और न ही उसकी अर्थव्यवस्था को किसी तरह से नुक्सान पहुंचा पाए, रूस ने यूक्रेन के खिलाफ चली लम्बी जंग में सभी विरोधी देशों को रगड़ कर रख दिया है, अब हालात ऐसे हैं कि अमेरिका जोकि यूक्रेन के राष्ट्रपति का बाप बना हुआ था ने हाथ ऊपर कर दिए हैं कि हम अब यूक्रेन को और पैसा नहीं दे सकते हैं, एक खुलासा अमेरिकी ट्रेज़री (वित्य विभाग) ने किया है कि जंग के पहले दिन से अबतक अमेरिका ने यूक्रेन को जो भी पैसा देने की घोषणाएं की थीं उसमे से एक भी डॉलर कभी यूक्रेन को गया ही नहीं बल्कि अमेरिका अन्य देशों से मिलने वाली रकम के बदले में यूक्रेन को अपने पुराने पड़े हथियार भेजता रहा है

अमेरिका के जाल में जो भी फंसा वो तबाह बर्बाद हो गया, यूक्रेन का राष्ट्रपति अमेरिका और ब्रिटेन के उकसावे में आकर जंग में कूद पड़ा था अब उसकी सेना के पास जंग लड़ने के लिए हथियार तक उपलब्ध नहीं हैं, ऊपर से यूक्रेन की सेना में बग़ावत के सुर उठना शुरू हो गए हैं, अनेक बड़े अधिकारीयों के खिलाफ कर्रेप्शन के मामले में कार्यवाही की गयी है जिसके बाद सेना में विद्रोह जैसी इस्थिति पैदा होती जा रही है, जानकारी के मुताबिक यूक्रेन की सेना किसी भी वक़्त रूस के सामने हथियार डाल सकती है, रूस ने ये जंग बहुत ही मजबूर होकर शुरू की थी, अगर रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करता तो नाटो के देश अपनी सेना यूक्रेन में तैनात कर देते जिससे रूस की सुरक्षा को भारी ख़तरा पैदा हो जाता, रूस की जंग में उसके साथ चेचनियाँ के राष्ट्रपति रमजान कादरियोव, बेलारूस के राष्ट्रपति, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया खुल कर खड़े रहे, चेचनियाँ के सैनिकों ने कई मोर्चों पर फ़तेह हासिल की, वहीँ ईरान के ड्रोन अमेरिकी गठबंध के लिए मौत साबित हुए, उत्तर कोरिया और चीन से समय पर हथियारों की खेप[ रूस को पहुँचती रही, रूस की इस जंग में जीत ने अमेरिका की बादशाहत हमेशा के लिए ख़त्म कर दी है

अमेरिका को जल्द ही ग़ज़ा के मोर्चे पर भी नाकामी मिलने वाली है, चीन, रूस और ईरान ने इसराइल और अमेरिका को गले से दबोच लिया है, इसराइल की हालत जालांस्की से भी बुरी होने वाली है, लेबनान में रूस ने अपने वेगनर के सैनिक और एयर डिफेन्स सिस्टम भेज रखे हैं, सीरिया और इराक में रूस ने हिजबुल्लाह को भारी गोलाबारूद पहुंचा दिया है, चीन ग़ज़ा की जंग में पहले दिन से शामिल है और तमाम तरह की इंटेलिजेंस हमास को दे रहा है, चीन की मदद से हमास ने 7 अक्टूबर के हमले के वक़्त इस्राइली सेना के उपकरण को जैम कर दिया था, उस दिन इसराइल के लड़ाकू विमान, डिफेन्स सिस्टम आयरन डोम आदि काम ही नहीं कर सके थे, हमास के सैनिक न तो मोबाईल का इस्तेमाल कर रहे हैं, न कम्प्यूटर या लैंड लाईन फोन या इंटरनेट वो चीन से मिलने वाले सेटलाइट उपकरणों के ज़रिये एक दूसरे से सम्पर्क करते हैं जिसे कोई भी इंटरसेप्ट नहीं कर सकता है

बहुत जल्द इसराइल को ग़ज़ा में हमास से सामने हथियार डालने पड़ेंगे…parvez