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रूस को ड्रोन विमान बेच रहा है ईरान और दे रहा है रूसी सैनिकों को ट्रेनिंग, अमरीका का दावा

अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन 13 से 16 जुलाई तक पश्चिमी एशिया का दौरा करने वाले हैं और इस यात्रा से पहले कई अटकलें और अनुमान तेज़ हो गए हैं।

जानकार सूत्रों के हवाले से मीडिया में ख़बर आई है कि अमरीकी राष्ट्रपति सऊदी अरब को आक्रामक हथियारों की बिक्री पुनः शुरू करने पर विचार कर रहे हैं मगर इसके लिए यमन युद्ध बंद करने की दिशा में ठोस प्रगति का इंतेज़ार है। सूत्रों का कहना है कि अभी अनौपचारिक विमर्श हो रहा है इसलिए ठोस फ़ैसला लिए जाने में समय लग सकता है।

वाइट हाउस के सूत्र कहते हैं कि इस समय सऊदी अरब के साथ अमरीका के संबंध तनाव का शिकार हैं और दोनों की कोशिश है कि हालात सामान्य हो जाएं मगर जिन मुद्दों के चलते संबंध प्रभावित हुए हैं वे अपनी जगह मौजूद हैं।

अमरीका का कोशिश है कि सऊदी अरब तेल का उत्पादन बढ़ाए ताकि तेल की क़ीमतों में कमी आए जबकि इसके साथ ही वाशिंग्टन की यह भी कोशिश है कि सऊदी अरब से इस्राईल के संबंध मज़बूत हो जाएं।

जो बाइडन ने फ़रवरी 2021 से ही सऊदी अरब को आक्रामक हथियार बेचना रोक रखा है। इस पर सऊदी अरब काफ़ी नाराज़ है। जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ तो अमरीका ने सऊदी अरब के बारे में अपने रुख़ में कुछ नर्मी पैदा की।

इसी बीच अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सोलीवान ने कहा कि रूस ईरान से सैकड़ों सर्विलांस ड्रोन ख़रीद रहा है जिनमें एसे ड्रोन भी शामिल हैं जो मिसाइल फ़ायर कर सकते हैं। रूस यह ड्रोन युक्रेन युद्ध में इस्तेमाल करना चाहता है। सोलीवान ने कहा कि अभी यह साफ़ नहीं है कि ईरान इससे पहले भी रूस को इस प्रकार के ड्रोन दे चुका है या नहीं मगर अमरीका के पास जानकारियां हैं कि ईरान इसी महीने रूसी सैनिकों को यह ड्रोन इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग देना चाहता है।

सोलवावन ने पत्रकारों से कहा कि हमारी जानकारी है कि ईरानी सरकार रूस को कई सौ ड्रोन एक निर्धारित समय सीमा के भीतर देना चाहती है।

अमरीका का यह भी दावा है कि युक्रेन युद्ध में रूस को हथियारों की भारी कमी का सामना है और आने वाले दिनों में रूस के सामने यह संकट और भी गहरा हो जाएगा।

वैसे टीकाकार कहते हैं कि अमरीका जान बूझकर रूस को सामरिक उपकरणों के निर्माण के मैदान में कमज़ोर दिखाने की कोशिश कर रहा है ताकि यूक्रेन का मनोबल बढ़ाए और युद्ध जारी रखने पर उसे तैयार करे जिसने अपने कई इलाक़े इस युद्ध में गवां दिए हैं।