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रूस की सर्वोच्च अदालत ने यूक्रेन की प्रमुख सैन्य इकाइयों में से एक अजोव रेजिमेंट को आतंकवादी संगठन घोषित किया, जानिये क्या है अजोव रेजिमेंट!

रूस की सर्वोच्च अदालत ने यूक्रेन की प्रमुख सैन्य इकाइयों में से एक अजोव रेजिमेंट को आतंकवादी संगठन घोषित किया है. इससे गिरफ्तार सैनिकों पर आतंकवाद के आरोप में मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है.

रूस के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूक्रेन की अजोव रेजिमेंट को आतंकवादी संगठन घोषित किया. अजोव के सैनिकों का अतीत दागदार रहा है, यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ देश के युद्धग्रस्त पूर्वी क्षेत्र की रक्षा के लिए लड़ने में अजोव रेजिमेंट की भूमिका अत्यधिक मानी जाती है.

अजोव रेजिमेंट का गठन कट्टर राष्ट्रवादियों ने मारियोपोल में किया था. इन्हीं लड़ाकों ने 2014 में मारियोपोल को आजाद कराने में निर्णायक भूमिका निभाई थी. अजोव रेजिमेंट का अस्तित्व एक छोटे, मगर बढ़िया हथियारों से लैस यूक्रेनियन नेशनल गार्ड की एक इकाई के रूप में थी.

एक अनुमान के मुताबिक रूसी सेनाओं ने पूर्वी यूक्रेन में अजोव रेजिमेंट के 1,000 से अधिक लड़ाकों को पकड़ लिया है. उनमें से ज्यादातर को तब पकड़ा गया था जब एक महीने की घेराबंदी के बाद मई में दक्षिण-पूर्वी यूक्रेनी बंदरगाह शहर मारियोपोल पर कब्जा कर लिया गया था.

ऐसे सभी पकड़े गए सैनिक आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं और रूस उन पर नागरिकों की हत्या का आरोप लगा रहा है. सख्त आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत गिरफ्तार किए गए अजोव सैनिकों को 20 साल तक की जेल हो सकती है.

पूर्वी यूक्रेन में स्व-घोषित “दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक” के अलगाववादी नेताओं ने मई में कहा था कि अजोव लड़ाकों को मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है. पिछले हफ्ते लंदन में रूसी दूतावास के खिलाफ आक्रोश फैल गया था, जब उसने एक ट्वीट में लिखा था कि पकड़े गए अजोव सैनिक “शर्मनाक मौत के लायक हैं.”

क्या है अजोव रेजिमेंट
अजोव रेजिमेंट की शुरुआत 2014 में हुई थी जब उसने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक विद्रोहियों से लड़ने के लिए अपनी अर्धसैनिक इकाई बनाई थी. इसे बाद में यूक्रेनी राष्ट्रीय सेना में एकीकृत किया गया. शुरू में सिर्फ धुर दक्षिणपंथी और अति-राष्ट्रवादी हलकों से जुड़े लड़ाके रेजिमेंट में शामिल हुए, हालांकि इसके वर्तमान सदस्य उग्रवाद के आरोपों से इनकार करते हैं.

2019 में अमेरिकी कांग्रेस रेजिमेंट को “आतंकवादी संगठन” के रूप में दर्जा देने के करीब आ गई थी, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही. इसके बावजूद अजोव ने वर्षों से जर्मनी समेत विदेशों में धुर दक्षिणपंथी आंदोलनों के साथ संबंध बनाए रखा. मॉस्को ने लगातार अजोव का हवाला देते हुए अपने दावे का समर्थन किया है कि यूक्रेन “नव-नाजियों” द्वारा नियंत्रित है. मंगलवार को एक बयान में अजोव रेजिमेंट ने कहा कि रूस युद्ध अपराधों से बचने के लिए नए- नए बहाने की तलाश कर रहा है.

अजोव रेजिमेंट ने कहा, “ओलेनिव्का में अजोव रेजिमेंट के युद्धबंदियों के नरसंहार के बाद, रूस अपने युद्ध अपराधों के लिए नए बहाने और स्पष्टीकरण तलाश रहा है.”

एए/सीके (एपी, रॉययटर्स)