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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में किन वाहनों को चलने की इजाज़त है, किन पर लगी रोक जानिये!

दिल्ली में बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) (एयर क्वालिटी इंडेक्स) (AQI) और प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी ने राज्य सरकार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुछ वाहनों की आवाजाही को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण को लागू करने के लिए मजबूर किया है। प्रतिबंध के तहत रखे गए वाहनों में यात्री कारें भी शामिल हैं। उल्लंघन करने वालों से भारी जुर्माना वसूला जाएगा। दिल्ली में AQI 500 के करीब पहुंच रहा है, जो प्रदूषण स्तर के लिहाज से बेहद गंभीर माना जाता है। दिवाली नजदीक आने के साथ, राज्य सरकार कुछ पहलों के साथ प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए हरकत में आ गई है।

यहां हम आपको बता रहे हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किन वाहनों को चलने की इजाजत है और प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए किन वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

किन वाहनों के चलने पर रोक
पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण, दिल्ली सरकार ने गुरुवार को अगली सूचना तक शहर में बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है। यदि आपके पास पुरानी कार या दोपहिया वाहन है, जिसके पास बीएस 3 पेट्रोल या बीएस 4 डीजल सर्टिफिकेशन है, तो उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

पाबंदियां सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि पड़ोसी शहरों जैसे हरियाणा में गुरुग्राम और फरीदाबाद, उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद और नोएडा में भी हैं। इन वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय GRAP के चरण 3 के लागू होने के साथ आता है। चरण 4 आवश्यक सेवाओं में शामिल वाहनों को छोड़कर, डीजल वाणिज्यिक वाहनों के चलने पर भी प्रतिबंध लगाएगा।

 

दिल्ली ने पहले ही अन्य राज्यों से बीएस4 डीजल प्रमाणन वाली निजी बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। अगर स्थिति बिगड़ती है तो ये बैंन अन्य वाणिज्यिक वाहनों पर भी लगाए जाएंगे।

किन वाहनों को चलने की अनुमति
जिन वाहन मालिकों के पास कम से कम बीएस6 प्रमाणन वाली कार, एसयूवी या दोपहिया वाहन हैं, वे जीआरएपी चरण 3 के दौरान वाहन चलाने के लिए आजाद हैं। हालांकि, प्रदूषण प्रमाणपत्र (पीयूसी) भी अपने पास रखने की सलाह दी जाती है। कहने की जरूरत नहीं है, अगर किसी के पास इलेक्ट्रिक वाहन या सीएनजी वाहन है, तो ये प्रतिबंध उन पर लागू नहीं होंगे।

सरकार की पहल
वाहन प्रदूषण पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ नाम के अपना अभियान दोबारा लाने जा रही है। दिल्ली में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 15-सूत्रीय कार्य योजना के हिस्से के रूप में वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए इसे पहली बार 2020 में लॉन्च किया गया था। यदि दिल्ली में AQI 500 अंक को पार करता है, जिसका मतलब होगा कि प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाएगा, तो राज्य सरकार ऑड-ईवन योजना भी शुरू कर सकती है।