इतिहास

राष्ट्रीय आंदोलन की यादगार कवयित्री स्वतंत्रता सेनानी बेगम सूफ़िया कमाल

_स्वतंत्रता सेनानी बेगम सूफ़िया कमाल_
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राष्ट्रीय आंदोलन की यादगार कवयित्री बेगम सूफिया कमाल, जिन्होंने महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर काम किया और अंत तक कलम को अपना हथियार बनाकर सभी प्रकार के भेदभावों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनका जन्म वर्तमान बांग्लादेश में 20 जून 1911 को बरिसाल जिला के शाइस्ताबाद में हुआ था। पारंपरिक बाधाओं के कारण उन्होंने घर पर ही अपनी शिक्षा प्राप्त की और बंगाली, हिंदी, उर्दू, कुर्द और अंग्रेजी भाषाओं तक पहुंच हासिल की। 12 साल की उम्र में उनकी शादी सैयद निहाल हुसैन से हुई और दोनों बारिसल में बस गए। चूँकि उनके पति उदार विचारों के व्यक्ति थे और उन्हें सेवा और साहित्यिक कार्यक्रमों के लिए प्रोत्साहित करते थे, सूफिया कमाल ने खुद को एक अच्छी कवयित्री के रूप में ढाला। उन्होंने ब्रिटिश सरकार की अनैतिक नीतियों को उजागर किया, लोगों को राष्ट्रीय आंदोलन के लिए प्रेरित किया और अपने साहित्यिक कार्यों में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय पर सवाल उठाया। 1932 में बेगम सूफिया कमाल ने अपने पति को खो दिया और अपने नवजात शिशु के साथ वह जीविकोपार्जन के लिए कलकत्ता चली गईं और एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया। महात्मा गांधी के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने सूत कातने का काम किया, खद्दर पहना और खद्दर अभियान चलाया। उन दिनों भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के कार्यकर्ता कमालुद्दीन खान उनके जीवन साथी बने। कमालुद्दीन के समर्थन से उन्हें एक लेखिका के रूप में, महिला आंदोलन की नेता के रूप में और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलनों में एक कार्यकर्ता के रूप में अपनी गतिविधियों को तेज करने की आजादी मिली। उनकी पुस्तकों को विश्वकवि रवींद्रनाथ टैगोर, खाजी नजरूल इस्लाम और मोहम्मद नसीरुद्दीन जैसे महान व्यक्तियों से प्रशंसा मिली। बेगम सूफिया कमाल ने भारत के विभाजन के दौरान ढाका आये पीड़ितों के लिए आयोजित पुनर्वास शिविरों में अथक परिश्रम किया। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कड़ी मेहनत की। जब भी मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ, वह शेरनी की तरह लड़ीं। एक कवयित्री के रूप में उन्हें लोगों और सरकार से व्यापक प्रशंसा और पुरस्कार मिले। एक कवयित्री और एक कार्यकर्ता के रूप में अपने जीवन के अंत तक सभी प्रकार की असमानताओं और भेदभावों के खिलाफ लड़ने वाली बेगम सूफिया कमाल ने 20 नवंबर, 1999 को अंतिम सांस ली।

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संदर्भ -THE IMMORTALS 2
– sayed naseer ahamed (9440241727)

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संकलन तथा अनुवादक लेखक – *अताउल्लाखा रफिक खा पठाण सर*
सेवानिवृत्त शिक्षक
टूनकी बुलढाणा महाराष्ट्र*
9423338726