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राष्ट्रसंघ महासभा के वार्षिक अधिवेशन में भाग लेने के लिए अमरीका रवाना हुऐ ईरान के राष्ट्रपति रईसी, किसी भी अमरीकी अधिकारी से नहीं करेंगे मुलक़ात : रिपोर्ट

राष्ट्रसंघ की महासभा के वार्षिक अधिवेशन में भाग लेने के लिए ईरान के राष्ट्रपति, अमरीका की यात्रा पर रवाना हुए हैं।

सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा कि राष्ट्रसंघ की महासभा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के दृष्टिकोण को बयान करने का उचित स्थान है।

सोमवार को न्यूयार्क रवाना होने से पहले ईरान के राष्ट्रपति ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव के निमंत्रण पर राष्ट्रसंघ की महासभा के 77वें वार्षिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वे न्यूयार्क जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश और क्षेत्र के मुद्दों को बयान करने के लिए महासभा का प्लेटफार्म एक उचित स्थल है। ईरान के राष्ट्रपति ने पूरी द्रढ़ता के साथ कहा कि न्यूयार्क में पांच दिनों के आवास के दौरान वे किसी भी अमरीकी अधिकारी से कोई मुलाक़ात नहीं करेंगे। रईसी ने कहा कि जो बातें सुनी नहीं जातीं उनको बताने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा जैसा स्थान बहुत उपयुक्त है क्योंकि विश्व में संचार माध्यमों पर वर्चस्ववादियों का नियंत्रण है।

सोमवार की सुबह ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी, न्यूयार्क की यात्रा के लिए तेहरान से रवाना हुए। संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा का 77वां वार्षिक अधिवेषन मंगलवार 20 सितंबर से 26 सितंबर तक होगा। इसमें विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेंगे जिनके साथ वरिष्ठ कूटनयिक भी होंगे। देशों के प्रतिनिधि इस अधिवेशन मेंं भाषण भी देते हैं किंतु विशेष बात यह है कि राष्ट्रसंघ की महासभा के वार्षिक अधिवेशन के इतर विश्व के नेता अलग-अलग कई महत्वपूर्ण बैठकें करते हैं।

न्यूयॉर्क में प्रतिबंधों को हटाए जाने पर बातचीत हो सकती है, तेहरान

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि न्यूयॉर्क में परमाणु समझौते की बहाली और प्रतिबंधों को हटाए जाने को लेकर वार्ता हो सकती है।

सोमवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी चाक़ी का कहना था कि ईरान अपने विचारों की प्रस्तुति के लिए हर सार्वजनिक मंच का इस्तेमाल करेगा।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में महासभा का 77वां सम्मेलन आयोजित होने वाला है, जिसमें ईरानी राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी भाग लेने वाले हैं।

क़िर्ग़िज़स्तान और ताजिकिस्तान सीमा पर हो रही झड़पों के बारे में पूछे गए सवाल के बारे में कनानी चाक़ी का कहना था कि पड़ोसी देश होने के नाते दोनों ही देश ईरान के लिए ख़ास महत्व रखते हैं, इसलिए ईरान ने दोनों के बीच तनाव कम करने और द्विपक्षीय मुद्दों के समाधान के लिए अपने सहयोग का प्रस्ताव पेश किया है।

ग़ौरतलब है कि क़िर्ग़िज़स्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर होने वाली झड़पों में अब तक 94 लोगों की मौत हो चुकी है।

ताजिकिस्तान और क़िर्ग़िज़स्तान के बीच 1,000 किलोमीटर लम्बी सीमा है, लेकिन इसमें से एक तिहाई पर दोनों देश सहमत नहीं हैं।

2021 में भी दोनों देशों के बीच ऐसी ही झड़पों में क़रीब 50 लोग मारे गए थे। लेकिन हाल के दिनों में शुरू हुई हिंसा में क़रीब 100 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।