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राष्ट्रसंघ ने शांति स्थापित करने और इस्राईली अतिग्रहण के समाप्त किये जाने की मांग की

संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ने एक बार फिर फिलिस्तीन में शांति स्थापित करने और जार्डन नदी के पश्चिमी किनारे पर जायोनी शासन के अतिग्रहण को समाप्त किये जाने की मांग की है।

एंटोनियो गुटेरस ने आज अलजीरिया में अरब देशों के नेताओं के 31वें शिखर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में कहा कि हम फिलिस्तीन समस्या से आरंभ करते हैं, इस समस्या के बारे में राष्ट्र संघ का दृष्टिकोण स्पष्ट है और वह यह है कि अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में शांति को आगे बढ़ाया जाना चाहिये और अतिग्रहण समाप्त होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारा संयुक्त उद्देश्य दो देशों का गठन है, जो शांति व सुरक्षा के साथ एक दूसरे के साथ रहेंगे और कुद्स दोनों की राजधानी होगा।

अलजीरिया के राष्ट्रपति अब्दुल मजीद तबून ने भी इस सम्मेल के उद्घाटन भाषण में कहा कि दो देशों के दृष्टिकोण को अमली जामा पहनाने में सुरक्षा परिषद की अक्षमता को दृष्टि में रखते हुए मेरा मानना है कि अरब देशों को चाहिये कि फिलिस्तीनियों का राजनीतिक व नैतिक समर्थन करें ताकि वे प्रतिरोध कर सकें।

उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में केवल न्यायपूर्ण तरीके से ही शांति स्थापित हो सकती है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अब भी हमारी पहली प्राथमिकता फिलिस्तीन है विशेषकर इसलिए कि अभी भी अतिग्रहणकारी सैनिकों के अपराध, जायोनी कालोनियों का निर्माण और विस्तार और निर्दोष फिलिस्तीनियों की हत्या यथावत जारी है।

इस सम्मेलन में ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कैस सईद ने भी बल देकर कहा कि समस्याओं का समाधान समानरूप से अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार किया जाना चाहिये और फिलिस्तीन का विषय विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेन्सों की कार्यसूची में होना चाहिये।

उन्होंने कहा कि सीमितता उत्पन्न करके फिलिस्तीनियों के अधिकारों को समाप्त नहीं किया जा सकता और हम इस बात के लिए प्रयास करेंगे कि दूसरे देशों में शरणार्थी का जीवन व्यतीत करने वाले फिलिस्तीनियों को स्वदेश वापसी का अधिकार दिया जाना चाहिये