नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) ने संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त उसके 21 विधायकों की लाभ के पद के आधार पर दिल्ली विधानसभा की सदस्यता जाने की संभावित स्थिति पर विचार करने के लिए सोमवार को आपातकालीन बैठक बुलाई । दरअसल, दिल्ली सरकार उन्हें छूट देने के लिए जो विधेयक लाई थी, उसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि वह लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते और आप से डरते हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से बाहर रखने संबंधी विधेयक को मंजूरी देने से इंकार करने को लेकर आयोजित बैठक की केजरीवाल ने अध्यक्षता की। बैठक में कई आप नेताओं ने केन्द्र की कड़ी आलोचना की और उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने मोदी सरकार की सिफारिश पर विधेयक खारिज किया।
केजरीवाल ने ट्विटर के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि किसी भी विधायक को संसदीय सचिव के रूप में उनकी क्षमता से एक भी पैसा, कार या बंगला नहीं दिया गया और उन्होंने कहा कि वे मुफ्त में सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, मोदीजी का कहना है कि आप सभी घर पर बैठें। काम नहीं करें। केजरीवाल ने कहा कि विधायकों को बिजली आपूर्ति, जलापूर्ति, अस्पताल एवं स्कूलों के संचालन पर गौर करने का काम दिया गया है। उन्होंने कहा, मोदी जी का कहना है कि न काम करूंगा और न ही करने दूंगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा ‘आप’ विधायकों को छूट दिए जाने संबंधी बिल को मंजूरी से इंकार कर देने का अर्थ यह हुआ कि उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाएगी, और उनकी सीटों पर नए सिरे से चुनाव होंगे।