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मेढकी ने लिखा ख़त मेढक को…..हास्य कथा-जयचन्द प्रजापति ’जय’ दुवारा
जयचंद प्रजापति ====== हास्य : मेढकी ने लिखा खत मेढक को ………… आखिर बारिश इतनी तेज हुई कि मेढक अपने मेढकी से बहुत दूर चला गया। अब एक तालाब में मेढकी दूसरे तालाब में मेढक के चले जाने से मेढकी को बहुत चिन्ता है। निराशा छा गयी है। इस भयंकर बारिश को गालियां मेढकी देर […]
बस इतना है अपराध मेरा…मनस्वी अपर्णा की कविता!
मनस्वी अपर्णा =========== #कविता बस इतना है अपराध मेरा मैंने जीवन जीना चाहा हंसना चाहा, रोना चाहा अपने जैसा, होना चाहा हिम्मत रक्खी सब खोने की सब खोकर, कुछ पाना चाहा इतनी कोशिश के बाद भी मैं हाथों को खाली पाती हूॅं मैं रोज़ यही दुहराती हूॅं बस इतना है अपराध मेरा मैंने जीवन जीना […]
”अभी तक सो रही हो”
रमा पाण्डेय उत्तर प्रदेश ============= पुरुष की प्रतिष्ठा उसकी स्त्री तय करती है और स्त्री का सौंदर्य उसका पुरुष :- कुछ तस्वीरें बहुत सुन्दर होती हैं। इतनी सुन्दर कि उन पर मोटी किताब लिख दी जाय फिर भी बात खत्म न हो… इस तस्वीर को ही देखिये, जाने कितने अनसुलझे प्रश्नों के उत्तर हैं इस […]