रामचरितमानस पर बिहार के मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान देकर विवाद को बढ़ा दिया है। सपा नेता ने कहा, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
#WATCH | I don’t have any issue with Ramcharitramanas but a few parts of Ramcharitramanas have insulting comments & sarcasm specifying particular castes & sects, those should be banned…: SP leader Swami Prasad Maurya pic.twitter.com/FhgcwoXOjs
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 22, 2023
सपा नेता ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में मानस के एक अंश को उद्धृत करते हुए कहा, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो, लेकिन वह ब्राह्मण है। उसको पूजनीय कहा गया है। लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान मत कीजिए। मौर्य ने सवाल उठाया, क्या यही धर्म है? जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो। उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर हमला बोलते हुए कहा, धर्म के ठेकेदार ही धर्म को बेच रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री ढोंग फैला रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 11 जनवरी को बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने भी रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला हिंदू धर्म ग्रंथ बताया था।
सत्ता न मिलने के कारण स्वामी प्रसाद को पड़ रहा पागलपन का दौरा
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के राम चरित मानस पर प्रतिबंध लगाने और ग्रंथ को बकवास कहने पर विहिप भड़क उठी है। विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने रविवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि हिंदू धर्मग्रंथ श्रीरामचरितमानस पर पूर्व मंत्री सपा नेता स्वामीप्रसाद मौर्य जैसे अज्ञानी प्रतिबंध लगाने की बेतुकी बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा सत्ता ना मिलने के कारण उन्हें पागलपन का दौरा पड़ रहा है। कहा कि रामचरित मानस एक पुस्तक नही यह मानव जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने का अमृत कुंभ है। अयोध्या को रक्त रंजित करने वालों के हमसफर मौर्य ने श्रीराम भक्तों का अपमान किया है। मानसिक विक्षिप्त श्रीराम विरोधी को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए।
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