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राजीव शर्मा के थाने में सुल्ताना, तंज़ीला, शेर अली, शाहआलम, दानिश, जब्बार, शाहनवाज आदि पर मुक़दमा दर्ज किया है, मुज़फ़्फ़रनगर से इलाहबाद हाईकोर्ट जाने का ख़र्चा कौन देगा?

Parvez Ahmad
@parvezahmadj
मुजफ्फरनगर के ककरौली में महिलाओं पर पिस्तौल तानने वाले निरीक्षक राजीव शर्मा की थाने में रि-पोस्टिंग हैं. नियम इसकी इजाजत नहीं देते.
अब उनके थाने में श्रीमती सुल्ताना, श्रीमती अव्वलीन, श्रीमती तोहिदा, सुश्री तंजीला, शेर अली, शाह आलम, दानिश, मट्टू, गुड्डू, जब्बार, शाहनवाज, सावेज, सद्दाम, शादाब, औरंगजेब, अजीम, दीनू, गुलेशर, शाह नजर, जावेद, परवेज, कय्यूम, इनाम, सलमान, सद्दाम, अनीस, मौसम और नजर को नामजद करते हुये गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है ?

ये लोग किसके लिये मुजरिम बने ??
जो धाराएं लगी हैं, उनमें हाईकोर्ट से कम में जमानत नहीं मिलेगी. सबके सब लोअर मिडिल क्लास के हैं!!
ध्रुव सत्य यह है कि मुकदमे खत्म होते-होते इनमें से कइयों की कमर कमान हो जाएगी.सरकारी ठेका, पट्टा छोड़िये, हज के लिये पासपोर्ट बनना तक दुरूह होगा…
मुजफ्फरनगर से इलाहबाद हाईकोर्ट जाने का ख़र्चा कौन देगा ? कोर्ट कचहरी की भागदौड़ में रोजी-रोटी चौपट होगी, वह अलग ?

अगर स्वाभिमान के लिये , अना, बहन-बेटी की रक्षा के लिए मुजरिम बनते तो समझ आता. इस वोट से तो सरकार बनने , बिगड़ने नहीं जा रही थी ? फिर क्यों भविष्य दांव पर लगा दिया ? किसके इशारे पर आक्रामक हुए यहां के लोग ??

#कब समझना शुरू करोगे मुसलमानों ?
#कब तक उकसावे में आकर जीवन तबाह और छदम लोगों को सत्ता सौंपते रहोगे भाई ?
# नामजद लोगों के घरों में कल से ठीक से खाना नहीं बना होगा लेकिन जिनके लिये मुजरिम बने वह चांदी की प्लेटों में खाना खा रहे होंगे ?
# अल्लाह तुम पर रहम फरमाए, मुश्किल आसान करे, बस इतनी दुआ कर सकते हैं- करेंगे !!!

नोट : मान्यवर कांशीराम से लोग सवाल करते थे कि उनकी बसपा धरना-प्रदर्शन क्यों नहीं करती ?? आंदोलन के लिये सड़क पर क्यों नहीं उतरती ???
तब वह कहते थे हमारे लोग गरीब हैं, कम शिक्षित हैं, मुकदमा लिख जाएगा तो तबाह हो जाएंगे. हमें अपने लोगों को तबाही से बचाना है.हम कॉडर तैयार कर रहे हैं जो अपना आक्रोश बूथ के अंदर वोट के रूप में निकालेंगे. वह कहते थे इसलिए हम उपचुनाव नहीं लड़ते क्यूंकि उप चुनाव सत्ता का होता और मशीनरी सत्ता के साथ रहती है. नेता का काम अपने लोगों को तबाही से बचाना होता है, जो अपने लोगों को तबाही में झोंक दे वह कैसा नेता ???

Parvez Ahmad
@parvezahmadj
सुनिये , मझवां में मतदान के दौरान ‘यादव सरनेम’ वाले सिपाही ने कैसे प्रतिरोध किया ? उनका प्रतिरोध कत्तई गलत नहीं था ???
मुस्लिम नौजवानों, इससे सबक लीजिये, जब आप सिस्टम में होंगे तभी प्रतिरोध कर सकेंगे…और सिस्टम में तब आएंगे, जब भाजपा को हराने के लिए नहीं, हिस्सेदारी देने वालों को वोट करेंगे. सियासी दरी उठाने में देने वाला समय किताबों को देंगे !!
# फेंकिए सियासी दरी, उठाइये किताब

Parvez Ahmad
@parvezahmadj
20 नवंबर को जिन नौ सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव के लिये मतदान हुआ, वहां कुल कितने और किन-किन धाराओं में मुकदमे दर्ज हुये ? नामजद लोगों के नाम क्या हैं ? मुस्लिम हमदर्द होने का दावा करने वाला दल अथवा मुस्लिमनामधारी ट्रॉल्स बता सकते हैं ? कल कथित लॉ फर्म चलाने वाले प्रयागराज के एक मुस्लीमनामधारी अपशब्दों के जरिये ज्ञान दे रहे थे, वही बता दें ? इनको भड़काकर उपद्रवी तो बनवा दिया ? अब इनके मुकदमे कौन लड़ेगा, उसकी फीस कौन देगा ?? कोर्ट कचहरी के चलते जो आर्थिक नुकसान होगा , उसकी भरपाई कौन करेगा ??
आइये लीजिये जिम्मेदारी, कराइये सार्वजनिक घोषणा कि उनके मुकदमे का सारा खर्च कथित सेक्युलर दल उठाएगा ????
# कोई नहीं करेगा, जिन पर मुकदमे हुये हैं सिर्फ उनका परिवार संघर्ष करेगा

Parvez Ahmad
@parvezahmadj
कटेहरी, सीसामऊ, कुंदरकी, फूलपुर, मीरपुर के जितने वीडियो वायरल हो रहे या किये जा रहे, उनमें 100% मुसलमानों के हैं…एक भी वीडियो ‘यादव’ और ‘कूर्मी’ समाज का नहीं है – क्यों ??? क्या यूपी में यह सम्भव है कि भाजपा चाहेगी कि यादव वोट डाले ???
और अगर एक भी वीडियो मुसलमानों के अतिरिक्त आया हो तो पोस्ट करें ??
# मुसलमानों ने विवेक शून्य मत बनो ??

Parvez Ahmad
@parvezahmadj
यूपी में मतदाता को वोट डालने से कोई नहीं रोक सकता। जिन्हें रोका जा रहा, संभवतः उनके पास ज़रूरी कागज़ यावोटर लिस्ट में नाम नहीं है। वायरल वीडियो हमेशा गच्चा देते हैं क्यूंकि उसमें सिर्फ़ एक पक्ष होता है.
जहां उपद्रव या उसकी संभावना होती है, पुलिस वहां सख्ती से निपटती है क्यूंकि जवाबदेही उन्हीं की बनती है।
जिन्हें मतदान करना है, वह कर रहे हैं, जिन्हें माहौल को पक्ष में मोड़ने का दांव चलना है, वह चल रहे हैं ?? कौन किसकी शह पर क्या बोल रहा सब जानते हैं. मुस्लिम बंधुओं से अपील है किसी का प्यादा न बने क्यूंकि प्यादे जब मरते हैं तो इतिहास भी उन्हें याद नहीं करता है!!
# कृपया सावधान रहें, समझदारी दिखाएं, मतदान करें, प्रसाशन से टकराएं नहीं !!
धन्यवाद !!

डिस्क्लेमर : सभी पोस्ट सोशल मीडिया X से प्राप्त हैं, लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग का कोई सरोकार नहीं है