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राजस्थान में इस्तीफों पर राजनीतिक की रार : कुशलगढ़ के ज़िला बांसवाड़ा राजस्थान से धर्मेन्द्र सोनी की क़लम से

(राजस्थान में इस्तीफों पर राजनीतिक की रार, गर मणिपुर प्रकरण व सुप्रीम कोर्ट व्यवस्था दे चुका तो, कुर्सी में गहलोत को आ सकती है दरार!

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलेट को लेकर खींचातान की आए दिन खबरें आ रही है आलाकमान राजस्थान में किसे मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहने देता है या मुख्यमंत्री बदलता है, वो कहना लिखना जल्द बाजी होगी लेकिन सरकार में भाजपा के कद्दावर नेता व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मणिपुर प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था वाले आदेशों की प्रती विधानसभा अध्यक्ष को पत्र दे कर विधायकों के स्वेच्छा से दिए इस्तिफो को स्वीकार करने के एकमात्र विकल्प से राजस्थान में कांग्रेस सरकार की आंखें खोल दीं है

राठोड़ ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जिसमें 91 विधायकों के इस्तीफों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को याद दिया है राठोड़ ने मणिपुर हाईकोर्ट की कापी भी संलग्न की जिसमें सुप्रीम कोर्ट की मोहर लगाने की बात कही है, राठोड़ ने मणिपुर हाईकोर्ट टी थंग,जालम बनाम स्पीकर प्रकरण में 13 जुलाई 2021 का हवाला अध्यक्ष को याद दिलाया है

राठोर ने पत्र में मध्यप्रदेश, व कर्नाटक के मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में विधानसभा अध्यक्ष की शक्तियों के बारे में सुप्रीम कोर्ट भी व्यवस्था दे चुका है जो इस्तिफे दिये थे वो स्वेच्छा नहीं दिए वो वास्तविकता से परे थे, जो जांच का विषय है यदि इस्तीफ़े बिना दबाव दिए थे तो अध्यक्ष को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, एसे मामले में विधानसभा अध्यक्ष की संतुष्टि न्यायिक समीक्षा के दायरे में आने के सिवाय कोई चारा नहीं है, यदि राठोड़ के पत्र की बात कही सही साबित होती है तों समझो मुख्यमंत्री की कुर्सी में दरार संभव होने से इंकार नहीं किया जा सकता है?

देखना यह होगा कि कांग्रेस पार्टी राजस्थान में इस दरार की रार से कब उभरती है यह तो वक्त ही बताएगा!

धर्मेन्द्र सोनी