सेहत

राजधानी दिल्ली-एनसीआर में बारिश-बाढ़ जैसे हालात के साथ अब ”डेंगू” का ख़तरा मंडराने लगा : रिपोर्ट

राजधानी दिल्ली-एनसीआर में बारिश-बाढ़ जैसे हालात के साथ मच्छर जनित रोगों का खतरा भी बढ़ गया है। दिल्ली-नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अस्पतालों से प्राप्त जानकारियों के मुताबिक यहां डेंगू ने दस्तक दे ही है। कई अस्पतालों में पिछले 15 दिनों में डेंगू के मरीज बढ़े हैं, जिसको देखते हुए डॉक्टरों ने अलर्ट किया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक हालात तो फिलहाल कंट्रोल में हैं, लेकिन इस बार जिस तरह की बारिश और बाढ़ के हालात हैं ऐसे में मामलों के बढ़ने का डर बना हुआ है।

इस साल राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के लगभग 136 मामले सामने आए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने वेक्टर जनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए मंगलवार को सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की। अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल 8 जुलाई तक दिल्ली में डेंगू के 136 और मलेरिया के 43 मामले दर्ज किए गए हैं।

बाढ़ के कारण बढ़ सकते हैं आंकड़े

एमसीडी द्वारा इस सप्ताह जारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में जहां एक जनवरी से आठ जुलाई की अवधि में डेंगू के 153 मामले देखे गए, वहीं इस साल यह आंकड़ा 136 का है। पिछले साल डेंगू के कुल 4,469 मामले रिपोर्ट हुए थे और नौ मौतें हुईं थी। इस साल अब तक दर्ज किए गए 136 मामलों में से 40 मामले जून और 23 केस मई में दर्ज किए गए। जुलाई के पहले आठ दिनों में ही 14 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है।

इस साल मच्छर जनित रोगों को लेकर अधिक चिंता जताई जा रही है क्योंकि भारी बारिश और बाढ़ के कारण हालात पिछले साल से ज्यादा गड़बड़ हैं।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

अमर उजाला से बातचीत में ग्रेटर नोएडा स्थित अस्पताल में इंटेंसिव केयर के डॉक्टर श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं, अस्पतालों में मच्छर जनित रोगों के मामले आने शुरू हो गए हैं, हालांकि ज्यादातर लोग ठीक होके वापस लौट रहे हैं। चूंकि पिछले दिनों भारी बारिश के कारण कई हिस्सों में जलजमाव की स्थिति है जो मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल होती है। ऐसे में अगर सुरक्षात्मक उपाय न किए गए तो डेंगू-चिकनगुनिया के मरीज बढ़ सकते हैं।

डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर काटने से फैलती है। दिन के समय ये मच्छर अधिक काटते हैं, इसलिए इनसे बचाव करते रहना बहुत आवश्यक है।

डेंगू का जोखिम

डेंगू के मच्छर पानी की टंकियों, कंटेनरों और पुराने टायरों, गमलों में अधिक पनपते हैं। अगर कुछ दिनों से किसी जगह पर पानी का स्थिर जमाव है तो यह मच्छरों के प्रजनन के लिए स्रोत हो सकता है। डेंगू मुख्यरूप से दो प्रकार का होता है- क्लासिकल डेंगू बुखार जिसे ‘हड्डी तोड़’ बुखार भी कहा जाता है और दूसरा डेंगू रक्तस्रावी बुखार जो अपेक्षाकृत अधिक खतरनाक हो सकता है।

डेंगू के साथ-साथ इस मौसम में चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले भी बढ़ते हैं, ये भी सेहत के लिए काफी गंभीर दुष्प्रभावों वाले हो सकते हैं।

लक्षणों की पहचान और समय पर इलाज जरूरी

डॉ. श्रेय बताते हैं, डेंगू की स्थिति में आपको तेज बुखार के साथ पेट दर्द, कई बार उल्टी होने, खून वाली उल्टी या शौच से खून आने जैसी दिक्कत हो सकती है। इन लक्षणों को गंभीर माना जाता है, मरीजों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। चूंकि डेंगू में ब्लड प्लेटलेट काउंट तेजी से कम होने लगता है इस कारण से रोग के गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक हो सकता है।

डेंगू से बचाव करते रहना बहुत आवश्यक है। दिन में पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छरों को भगाने के लिए दवाओं का छिड़काव करें और रात में सोते समय मच्छरदानी की प्रयोग करें।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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