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परिवार
काफी लंबे टूर के बाद उस दिन सुबह 4:00 बजे मैं घर पहुंचा। जाकर दरवाजा नाॅक किया तो पत्नी ने उनींदी हालत में आकर दरवाजा खोला। और मेरे अंदर प्रवेश किए बिना ही पलट कर अंदर चली गई। मुझे चाय की तलब थी। उससे ये कहना था। पर कह नहीं पाया क्योंकि वो सोने जा […]
हत्याओं और जनसंहार के मौसम में साहित्य के रंगारंग जलसों में गाने-बजाने वालों से…
Kavita Krishnapallavi =========== जिस दिन हम सत्ता के आगे झुकने वालों से, फासिस्ट हत्यारों के हाथ चूमकर उनसे ईनाम और वजीफा लेने वालों से, हत्याओं और जनसंहार के मौसम में साहित्य के रंगारंग जलसों में गाने-बजाने वालों से, पतित छद्मवामियों, लिजलिजे लिबरलों, निठल्ले कायर बकवासियों, अवसरवादियों, कैरियरवादियों, बौद्धिक लफंगों और साहित्यिक दुराचारियों व दल्लों से […]
बिहार में भड़की सांप्रदायिक हिंसा पर रवीश कुमार ने कहा “बिहारियों राज्य को जलने से बचा लो”
नई दिल्ली: भारतीय पत्रकारिता में बहतरीन मक़ाम पाने वाले निष्पक्ष बेबाक और निडर पत्रकार रवीश कुमार को सम्मानजनक निगाहों से देखा जाता है क्योंकि उन्होंने भरतीय पत्रकारिता की डूबती हुई नैया को पार लगाने का काम किया है,और दरबारी पत्रकार न बनकर सच्चा सिपाही बनकर सच्ची बात कहने की हिम्मत दिखाई है। रामनवमी के बाद […]