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यूरोपीय संघ के सारे ही देशों को शरणार्थियों को स्वीकार करना चाहिए : पोप फ़्रांसिस

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पोप फ़्रांसिस ने कहा है कि यूरोपीय संघ के सारे ही देशों को शरणार्थियों को स्वीकार करना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सन 2020 में यूरोप तक पहुंचने की चाह में 2272 शरणार्थी डूबकर मर गए थे।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार अपनी चार दिवसीय विदेश यात्रा से वापसी पर पोप फ्रांसिस ने रविवार की रात पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि पलायनकर्ताओं के बारे में यूरोपीय संघ के सारे ही सदस्य देशों को परस्पर सहयोग एवं सहकारिता की नीति अपनानी चाहिए। पोप का कहना था कि इस बारे में हमको अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए।

पोप फ्रांसिस ने कहा कि यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों को यह बात स्पषट करनी चाहिए कि वे कितने शरणार्थियों को स्वीकार कर सकते हैं। उनका कहना था कि पलायनकर्ताओं को अपने देशों में स्वीकार करने के मामले में यूरोपीय संघ के सदस्यों को अपनी पूरी ज़िम्मेदारी निभाने के साथ ही सहयोग की नीति को भी अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एसा नही हो सकता कि यूनान, साइप्रस, इटली और स्पेन को उनके हाल पर छोड़ दिया जाए जहां पर बड़ी संख्या में पलायनकर्ता आते हैं।

पोप फ्रांसिस का यह बयान एसी स्थति में आया है कि जब इटली में बनने वाली नई सरकार पूरी तरह से विदेशियों को शरण देने की विरोधी है। उसका मानना है कि विदेशी पलायनकर्ताओं को देश में शरण नहीं देनी चाहिए। शरणार्थियों को शरण दिये जाने के मुद्दे को लेकर यूरोपीय देशों के बीच गंभीर मतभेद पाए जाते हैं।