कानपुर:प्रधानमंत्री तीन तलाक़ को रोकना का दावा कर रहे हैं और मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलवाने की बात करते हैं,तीन तलाक़ पर उन्होनें बिल लोकसभा में पास करवा दिया है,लेकिन अभी राज्यसभा में लटका हुआ है,इन दिनों एक खबर कानपुर से आरही है जहां क़ानून के रखवाले ही क़ानून तोड़ते हुए नज़र आरहे हैं।
कानपुर की घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवालिया निशान उठने शुरू होगए हैं,कानपुर के कल्याणपुर थाने में पेश आई है वारदात।
प्राप्त समाचार अनुसार कल्याणपुर थाने एक मुस्लिम महिला अपने पति के उत्पीड़न की शिकायत लेकर पहुंची। थानेदार ने महिला की बात सुनी और पुलिस के जरिए उसके शौहर को बुलवा लिया।आरोप है कि पति के परिजनों से पैसे लेकर थानेदार ने खाकी का रौब दिखाकर उसे पति से तलाक लेने पर मजबूर किया।
पीड़ित महिला से जबरन तलाक के राजीनामा पर दस्तखत करा लिये। पीड़िता ने मामले की शिकायत जब अलाधिकारियों से की तो पूरे प्रकरण का खुलाशा हो सका।
यह एक अनूठा तलाक राजीनामा है। कथित तौर पर इसे कानपुर के एक पुलिस थाने में दरोगा की शह पर तैयार किया गया है और उस पीड़ित महिला के जबरन दस्तखत लिये गये हैं जो अपने पति की शिकायत करने और पुलिस से मदद मॉगने थाने गयी थी। इस कहानी के मुख्य किरदार आफरीन और जीशान ने चार साल पहले घर से भाग कर ‘‘लव मैरिज’’ की थी।
लेकिन एक महीना पहले परिवार ने इस शादी को मन्जूरी दे दी तो वे घर आकर रहने लगे। इसके बाद जीशान का मन बदलने लगा और वो आफरीन को तंग करने लगा। कल उसने आफरीन के साथ काफी मारपीट की तो मामला पुलिस थाने तक पहुॅच गया।
थाने में मौजूद सीनियर सब इन्सपेक्टर कृष्ण कुमार पटेल पर आरोप लगा है कि उन्होने पति- पत्नी को समझाने की बजाय उन्हें तलाक लेने पर मजबूर किया और इसके लिये तलाक का राजीनामा लिखवा कर उनके दस्तखत और अंगूठा लगवा लिये।
मायके जाकर दी तलाक की जानकारी
पुलिस थानेदार के जरिए जबरन तलाक दिलाए जाने के बाद महिला ने पूरे मामले की शिकायत मायके में माता-पिता को बताया। बेटी का घर टूटने से बचाने के लिये उसकी मॉ ने दखल दिया और पुलिस की इस करतूत का खुलकर विरोध किया।
आफरीन की मां हमीदुल निशां का आरोप है कि जीशान ने पहले मेरी बेटी के साथ प्रेम विवाह किया। जब उससे जी भर गया तो मारपीट करने लगा। पीड़िता की मां ने बताया कि वो बेटी से तलाक लेने पर अड़ा था। एकदिन जीशान शराब के नशे में आकर बेटी को त्रिपल तलाक बोल दिया।
जिससे जीशान और बेटी के बीच जमकर विवाद हुआ। शुक्रवार को बेटी कल्याणपुर थाने शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंची। जहां जीशान और उसके परिजनों ने थानेदार से सांठगांठ कर जबरन तलाक दिलवा दिया।
दरोगा को बचाने के लिए जुटे अफसर
इस पुलिसिया करतूत की खबर मीडिया तक पहुॅची तो आला अधिकारी डैमेज कण्ट्रोल में जुट गये। सबसे पहले उन्होने पीड़ित महिला की अर्जी पर उसके पति के खिलाफ इण्डियन पीनल कोड की दफा 498ए, 354, 323, 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया।
मामले पर एसपी पच्छिम संजीन सुमन ने बताया कि महिला से पुलिस थाने में जबरन तलाक राजीनामा नहीं लिखवाया गया था। एसपी सुमन के मुताबिक पीड़ित महिला पुलिस से इस बात की गारण्टी चाहती थी कि ससुराल में उसे तंग नहीं किया जायगा,
इसलिये उसे दिलासा देने के तौर पर ‘‘तलाक-राजीनामा’’ लिखवाया गया था। फिर भी पीड़िता ने थानेदार पर आरोप लगाए हैं तो मामले की जांच सीओ कल्याणपुर को सौंपी गई है। जांच में दोषी पाए जाने पर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।