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यूक्रेन नैटो का सदस्य नहीं बन सकता

पार्सटुडे- रूस ने चेतावनी दी कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नैटो) को नैटो में यूक्रेन की सदस्यता के अपने वादे से पीछे हट जाना चाहिए। रूसी विदेश मंत्रालय ने एलान किया है कि नैटो को इस सैन्य गठबंधन में यूक्रेन की सदस्यता के लिए अपना 2008 का वादा छोड़ देना चाहिए।

पार्सटुडे के अनुसार, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाख़ारोवा ने मंगलवार को कहा कि नैटो में यूक्रेन की सदस्यता रूस के लिए अस्वीकार्य है।

जर्मनी का दावा: रूस नैटो के लिए ख़तरा है

यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने और रूस के साथ शांति स्थापित करने के वैश्विक प्रयासों के बावजूद, बर्लिन अधिकारी भड़काऊ बयान देकर मतभेदों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने बुधवार को दावा किया कि भले ही यूक्रेन में युद्ध समाप्त हो जाए, लेकिन नैटो सदस्यों के लिए रूस का ख़तरा बना रहेगा। पिस्टोरियस ने दावा किया, हमारे विशेषज्ञों का अनुमान है कि 4 से 7 साल के भीतर रूस नैटो सदस्य देशों के इलाक़ों पर हमला कर सकता है।

रूस: यूक्रेन का यूरोपीय संघ में शामिल होने का पक्षधर, नैटो में नहीं

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को उसी समय बयान दिया था जब सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी अधिकारी मुलाक़ात कर रहे थे कि यूक्रेन को यूरोपीय संघ में शामिल होने का अधिकार है, लेकिन नैटो का मामला इससे अलग है।

पेसकोव ने कहा: यूक्रेन का यूरोपीय संघ में शामिल होना हर देश का संप्रभु अधिकार है, और किसी को भी दूसरे देश के लिए यह निर्णय नहीं लेना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा मुद्दों और नैटो जैसे सैन्य गठबंधनों में सदस्यता की स्थितियां बिल्कुल अलग हैं और इस संबंध में रूस की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है।

यूरोपीय संघ: रूस शांति नहीं चाहता!

यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी काजा कैलास (Kaja Kallas) ने भी मंगलवार को दावा किया: यूक्रेन में शांति सैनिकों के मिशन के बारे में बात करना अभी भी जल्दबाजी होगी क्योंकि रूस शांति नहीं चाहता! उन्होंने कहा, हमें यूक्रेन की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए ताकि वह रूस के साथ ख़राब समझौते को ख़ारिज कर सके।

इससे पहले, रूसी विदेश मंत्रालय के विशेष दूत रोडियन मिरोशनिक ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि मॉस्को की सहमति के बिना “शांतिरक्षक” के शीर्षक के तहत यूक्रेन के क्षेत्र में प्रवेश करने वाली सेनाएं रूसी सशस्त्र बलों का क़ानूनी लक्ष्य होंगी।

अमेरिकी विश्लेषक: रियाज़ वार्ता “नैटो” का अंत साबित हो सकती है

अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) के पूर्व विश्लेषक “माइकल मालूफ़” ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के संबंध में सऊदी अरब के रियाज़ में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच बातचीत, नैटो का अंत हो सकती है। मालूफ का मानना ​​है कि नैटो के अंत का मतलब है कि यूरोप अंततः रक्षा और क्षेत्रीय गठबंधन बना सकता है, लेकिन यह अब 32 देशों के बीच एक सुसंगत सैन्य गठबंधन स्थापित करने में कामयाब नहीं होगा। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मौजूदा परिस्थितियों के मुताबिक यूरोपीय देश कभी भी किसी मुद्दे पर आम सहमति पर नहीं पहुंच सकते चूंकि यूरोपीय संघ और नैटो में फिलहाल कोई एकता और एकजुटता नहीं है।