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यूक्रेन की सेना बग़ावत कर सकती है, यूक्रेन में गृह युद्ध की आशंका : रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन ने रोका ओफ्फेंसिव अटैक : यूक्रन के 20 हज़ार सैनिक मारे गए : रिपोर्ट

रूस और यूक्रेन की जंग का ये 16वा महिना चल रहा है, जंग शुरू होते समय भारत के टीवी चैनल, विशेषज्ञ अक्सर कहते थे कि रूस दो-चार सप्ताह में यूक्रेन पर कब्ज़ा कर लेगा, दरअसल रूस को न तो यूक्रन से जंग करना थी और न उस देश पर कब्ज़ा जमाना था, इस जंग के ज़रिये रूस को अमेरिका और उस सहियोगी NETO देशों को मज़ा चखाना था, रूस ने जंग को जानबूझ कर लम्बा खींचा है, इससे अमेरिका और उसके मित्र देशों की हालत पतली हो गयी है अब वो नहीं समझ पा रहे हैं कि रूस को कैसे रोका जाये, रूस ने अपने परमाणु हथियार भी तैनात कर दिए हैं और NETO संगठन को धमकी दे दी है कि सीधे जंग के मैदान में आओ हम पहले से ही तैय्यार बैठे हैं

सर्दियों के वक़्त अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड आदि देशों में यूक्रेन के 50 हज़ार सैनिकों को ट्रेनिंग देकर गर्मियों में रूस के ख़िलाफ़ ओफ्फेंसीव अटैक करने के लिए तैयार किया था, इन सैनिकों के दम पर यूक्रेन ने चार अप्रैल को रूस की सेना के खिलाफ अपना ओफ्फेंसिव अटैक कार्यक्रम शुरू कर दिया था, शुरू में वेस्ट मीडिया ने यूक्रन को भारी बढ़त मिलने के दावे किये थे लैकिन रूस ने यूक्रेन के ओफ्फेंसिव अटैक को नाकाम कर दिया अब हार थक कर यूक्रेन को ये रोकना पड़ा है

इस बीच रूस ने यूक्रन के 20 हज़ार सैनिकों को मार गिराया है, 900 के करीब आर्मी वाहन तबाह कर दिए हैं, जर्मनी और ब्रिटेन से मिले 250 टैंक्स में से आधे से ज़यादा धवस्त कर दिए हैं, सैंकड़ों अन्य मिल्ट्री के उपकरण तबाह हो चुके हैं, वहीँ अब यूक्रन के सैंनिक मैदान से खुद भाग रहे हैं, वो खुद जर्मनी के दिए टैंकों को खराब कर रहे हैं और मैदान छोड़ कर फरार हो रहे हैं, यूक्रेन की सेना अब बग़ावत कर सकती है, साथ ही यूक्रेन में गृह युद्ध होने की भी आशंका है


रूस-यूक्रेन युद्ध में आया नया मोड़, यूरोपीय संघ ने लगाए नए प्रतिबंध, जंग में मिलती हार से ज़ेलेंस्की निराश

रूस के ख़िलाफ़ जवाबी हमलों में यूक्रेन की हार के बाद यूरोपीय संघ के सदस्य मॉस्को के ख़िलाफ़ और अधिक प्रतिबंध लगाने पर सहमत हुए हैं। इन नए प्रतिबंधों में 71 व्यक्तियों और 33 संगठनों को सूची में जोड़ा गया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, यूक्रेन, जो पहले रूस के ख़िलाफ़ जवाबी हमलों के विभिन्न वादों के माध्यम से पश्चिम से व्यापक वित्तीय और सैन्य सहायता हासिल करने में सफल रहा था, अब रूस की विशाल सैन्य शक्ति की दीवार के आगे घुटने टेकने पर मजबूर हो गया है। वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले यूक्रेन समर्थक देश अब इस प्रयास में हैं कि इस हार का बदला लेने के लिए रूस पर नए प्रतिबंध लगाए जाएं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदेमिर ज़ेलेंस्की ने स्वीकार किया है कि रूसी सैनिकों के विरुद्ध उनके देश की सेना द्वारा की जाने वाली जवाबी कार्यवाहियों में उन्हें उम्मीद से कम कामयाबी मिली है। साथ ही यूक्रेनी राष्ट्रपति काफ़ी निराश भी नज़र आ रहे हैं। ज़ेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है कि जब लंदन में यूक्रेन संकट के संबंध में एक सम्मेलन होने जा रहा है, जहां यूक्रेन की आर्थिक सहायता और पुनर्निर्माण के लिए प्रतिज्ञा ली जाएगी।

इस बीच अमेरिका ने कहा है कि वह यूक्रेन को एक अरब तीस करोड़ डॉलर की सहायता देगा, लेकिन यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मीहाल ने उम्मीद जताई है कि इस सम्मेलन में भाग लेने वाले देश यूक्रेन को छह अरब डॉलर से अधिक की सहायता देंगे। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एंड्रे यूनुसोव ने भी इस देश की सेना के ख़ुफ़िया कमांड सेंटर पर हुए हमले पर आधारित रिपोर्टों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा है कि यह केंद्र रूसी हमले का निशाना बना है। वहीं यूरोपीय संघ ने बुधवार को रूस पर 11वीं बार प्रतिबंध लगाते हुए रूस से प्रौद्योगिकी और वस्तुओं के ट्रांज़िट पर प्रतिबंध लगा दिया है। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा के प्रमुख ने कहा कि नया पैकेज “कड़े निर्यात प्रतिबंधों के साथ पुतिन की युद्ध मशीन को एक और झटका देगा, जो क्रेमलिन का समर्थन करने वाली संस्थाओं को लक्षित करेगा।” उन्होंने कहा, “हमारा छल-रोधी उपकरण रूस को स्वीकृत सामानों पर अपना हाथ रखने से रोकेगा।”