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मैं अपनें आस पास जितने भी लोगों को देखती हूं उनमें बिलकुल शांत और ख़ुश मुझे कोई भी नहीं दिखाई पड़ता लेकिन…
मनस्वी अपर्णा =========== #थोड़ा_है_थोड़े_की_ज़रूरत_है जावेद अख़्तर साहब का एक बड़ा मशहूर शेर है उसी से अपनी बात शुरू करती हूॅं शेर कुछ यूं है..….. सबका खुशी से फासला एक क़दम है हर घर में बस एक ही कमरा कम है ये शेर और इसका मफहूम हमारी ज़मीनी हक़ीक़त है, मैं अपनें आस पास जितने भी […]
मल्लू के घर पर तुरई….
संजय नायक ‘शिल्प’ · ================ मल्लू के घर पर तुरई बड़ा अजीब सा शीर्षक लग रहा है ना ये..?? पर महज ये एक शीर्षक नहीं है, बल्कि मेरे गाँव की एक प्रचलित कहावत है । हालाँकि ये कहावत यूँ ही मज़ाक के रूप में शुरू हुई थी , पर जब आप ये पूरी दास्तान सुन […]
पापा अब मैं आपसे जो दहेज़ में मांगू वह दोगे ?
Neelu Singh Chauhan =========== किसी भी लड़की की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है। अशोक भाई ने घर में पैर रखा….‘अरी सुनती हो !’ आवाज सुनते ही अशोक भाई की पत्नी हाथ में पानी का गिलास लेकर बाहर आई और बोली- “अपनी बिटिया का रिश्ता आया है, अच्छा-भला इज्जतदार सुखी परिवार है, […]