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युद्ध बंद किये बिना किसी प्रकार का कोई समझौता संभव नहीं : हमास

हमास का कहना है कि युद्ध की समाप्ति और ग़ज़्ज़ा से वापसी से पहले किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा।

फ़िलिस्तीनियों के इस्लामी प्रतिरोध आन्दोलन हमास के एक सदस्य महमूद मरदावी ने स्पष्ट कर दिया है कि जबतक युद्व पूरी तरह से नहीं रोका जाता और ग़ज़्ज़ा से वापसी नहीं होती उस समय तक कोई भी समझौता संभव नहीं है। हमास की यह प्रतिक्रिया, संघर्ष विराम के समझौते के नए प्रयासों के संदर्भ में आई है।

ग़ज़्ज़ा में युद्ध रोकने और इस्राईली बंधकों को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से अमरीका, मिस्र, क़तर और इस्राईल के वार्ताकारों के बीच रविवार को पेरिस में एक सहमती हुई थी। इसी बीच क़तर के विदेशमंत्री ने यह संकेत दिया है कि फ़िलिस्तीनी और इस्राईली बंदियों की स्वतंत्रता को लेकर की जाने वाली वार्ता में प्रगति हुई है।

मुहम्मद बिन अब्दुर्रहमान बिन जासिम के अनुसार वर्तमान समय में वार्ता उस चरण को पहुंच चुकी है जो एक स्थाई संघर्ष विराम की भूमिका बन सकती है। इस संभावित समझौते के अन्तर्गत ग़ज़्ज़ा में व्यापक संघर्ष विराम और वहां से इस्राईल के सैनिकों की वापसी, फ़िलिस्तीनी पलायनकर्ताओं के निवास स्थल की सुरक्षा की गारेंटी, ग़ज़्ज़ा का पुनर्निमाण और बंदियों के आदान-प्रदान जैसे कामों को किया जाएगा।

इससे पहले ज़ायोनी शासन की गुप्तचर सेवा मोसाद के प्रमुख डविड बार्निया ने हमास के साथ बंदियों के आदान-प्रदान की संभावित सहमति के बारे में संक्षेप के कुछ बताया था।