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“पितृदोष….BY-#लक्ष्मी कांत पाण्डेय
लक्ष्मी कांत पाण्डेय लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============== “पितृदोष…. अचानक फोन की डिस्प्ले पर बेटे का फोन नम्बर नाम सहित देखकर राधिका चोंकी…. फोन…हां फोन से ही तो उसने अपने बेटे होने की खानापूर्ति की जब उसके बाबूजी बीमारियों से अस्पताल मे जीवन मृत्यु के बीच झूल रहे थे…और उनके निधन पर भी फोन से ही…. […]
नए मेहमान के सवाल…By-Tajinder Singh
Tajinder Singh ============= नए मेहमान के सवाल… किसी जमाने में मेहमानों का स्वागत मै बहुत उत्साह से किया करता था | पर अब वैसी कोई बात नहीं रही | शायद बढती उम्र और अक्ल ने बच्चों वाले उत्साह को कम कर दिया है या अब मेहमान भी वैसे नहीं रहे, जिनका उत्साह से स्वागत किया […]
“साला, कौन कहता है बे कि इंसानियत मर चुकी है इस दौर में……….”
दफ़्तर से अपना काम ख़तम करने के बाद जब अपने घर के लिए गुप्ता जी निकलने लगे तो उस समय उनकी घड़ी में तक़रीबन रात के 9 बज रहे थे । हालांकि रोज़ गुप्ता जी शाम 7 बजे के लगभग अपने ऑफिस से निकल जाया करते थे लेकिन आज काम के दवाब के कारण कुछ […]