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ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं…वफ़ा-दारी का दावा क्यों करें हम!!
कश्मीरा शाह चतुर्वेदी ========= नया इक रिश्ता पैदा क्यों करें हम बिछड़ना है तो झगड़ा क्यों करें हम ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी कोई हंगामा बरपा क्यों करें हम ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं वफ़ा-दारी का दावा क्यों करें हम वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यों करें हम […]
“अनोखा हनीमून….?
Karuna Rani ============== “अनोखा हनीमून….? रमेश जी के सबसे छोटे बेटे मोहन का विवाह धूमधाम से सम्पन्न हो गया था…..रमेशबाबू और सुशीला देवी को चार संताने थी….तीन बेटियां और चौथे में सबसे छोटा पुत्र मोहन…. रमेश बाबू जब करीब तीस वर्ष पूर्व इस शहर आये थे तो उन्होंने सड़क किनारे साप्ताहिक बाज़ार में रेडीमेड कपड़े […]
सावन और भादो का महीना….By-राधादेव शर्मा
राधादेव शर्मा ============ पहले सावन शुरू होते ही गांव की गलियों से लेकर शहरों तक झूले पड़ते थे। महिलाएं झूला झूलतीं और गाती थीं। सावन और भादो का महीना हमें प्रकृति के और निकट ले जाता है। झूला झूलने के दौरान गाए जाने वाले गीत मन को सुकून देते हैं। झूले गांव के बगीचों और […]