दुनिया

यमन की सैन्य ताक़त : occupation & asymmetric violence

पार्सटुडे- यमन के सशस्त्र बलों ने ज़ायोनी शासन के बेन-गुरियन हवाई अड्डे को बैलिस्टिक मिसाइल से निशाना बनाया।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार; ब्रिगेडियर जनरल यहिया सरी ने शनिवार सुबह एक बयान में एलान किया कि देश के सशस्त्र बलों ने मज़लूम राष्ट्र की मदद करने और फिलिस्तीनी प्रतिरोध का समर्थन करने की परिधि में फिलिस्तीन- 2 मिसाइल से मक़बूज़ा याफ़ा क्षेत्र में बेन-गुरिन हवाई अड्डे को निशाना बनाया।

यह ऑपरेशन, जो पिछले 48 घंटों में बेन गुरियन हवाई अड्डे पर तीसरा मिसाइल हमला था, सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यहिया सारी ने सभी एयरलाइनों को चेतावनी दी कि बेन गुरियन हवाई अड्डा अब परिवहन के लिए सुरक्षित नहीं है और यह स्थिति जारी रहेगी।

यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यमनी वायु सेना ने एक बार फिर अमेरिकी एयर क्राफ़्ट कैरियर “यूएसएस हैरी ट्रूमैन” से संबंधित कई युद्धपोतों पर ड्रोन से हमले किए हैं।

यमन में अमेरिकी आक्रमण के जवाब में यमनी सशस्त्र बलों की ड्रोन इकाई ने लगातार छठे दिन यूएसएस हैरी ट्रूमैन एयर क्राफ़्ट कैरियर को कई ड्रोनों से निशाना बनाया है।

इस सप्ताह मंगलवार को ज़ायोनी शासन द्वारा ग़ज़ा पर फिर से आक्रमण किए जाने के बाद यमन की सशस्त्र सेनाओं ने एक बार फिर फिलिस्तीन के समर्थन में और यमन में अमेरिकी आक्रामकता के जवाब में, मक़बूज़ा क्षेत्रों पर अपने हमले फिर से शुरू कर दिए हैं।

यमन से मिसाइल हमले के बाद मक़बूज़ा फिलिस्तीनी क्षेत्रों में कई विस्फोट की आवाज़ें सुनी गयीं

ज़ायोनी सूत्रों के अनुसार, यमनी मिसाइल हमले के बाद, कब्जे वाले फ़िलिस्तीन के सभी मध्य भागों, कुद्स और जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट की ज़ायोनी बस्तियों में खतरे की घंटियाँ बजा दी गईं।

तेल अवीव के बेन-गुरिन हवाई अड्डे की गतिविधियों को रोक दिया गया है जबकि हजारों ज़ायोनी सेटेलर्ज़ आश्रयों की ओर भाग गए हैं। ज़ायोनी शासन के आंतरिक मोर्चे की कमान ने भी घोषणा की: उस स्थान का पता लगाने के लिए निरीक्षण शुरू हो गया है जहां मिसाइल गिरे थे।

ज़ायोनी शासन के रेडियो ने यह भी स्वीकार किया कि दाग़ी गई मिसाइलों को रोकने के लिए सेना की रक्षा प्रणालियों को भी सक्रिय कर दिया गया है।

इसी समय, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने ज़ायोनी शासन के समर्थन में, 15 मार्च, 2025 से यमन के खिलाफ हवाई हमले शुरु कर दिए हैं और इस देश के आवासीय क्षेत्रों और नागरिक केंद्रों को निशाना बनाया है।

अमेरिकी युद्धक विमानों ने सादा प्रांत के पश्चिम में साक़ैन ज़िले पर बमबारी की जिसमें संभावित नुकसान या हताहतों की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आ सकी है। अमेरिकी युद्धक विमानों ने गुरुवार शाम यमन के पश्चिम में अल हुदैदा प्रांत पर बमबारी की।

यमन की सैन्य ताकत को अमेरिकी जनरल ने किया स्वीकार

इस बारे में, 4-स्टार रैंक के अमेरिकी जनरल जोसेफ फ़ुटहिल ने यमनी सेना के खिलाफ अमेरिकी सेना की कमज़ोरी और अक्षमता को स्वीकार किया और कहा: यमनी जनता के पास कई संसाधन हैं और अकेले उनकी सैन्य शक्ति को लक्षित करना पर्याप्त नहीं है। इस अमेरिकी जनरल ने आगे कहा कि सऊदी अरब के साथ युद्ध में यमनियों ने बहुत क्षमता हासिल कर ली और सीखा कि अपने संसाधनों और संपत्ति को कैसे सुरक्षित रखा जाए।

Bashar-Yemen
@Bashar__YEMEN
🇾🇪| We will never abandon #Palestine even if you strike Sana’a with Nuclear bombs, our position will remain firm and firm…

— Bragedier general Yahya Saree.

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Jackson Hinkle 🇺🇸
@jacksonhinklle
❤️🇾🇪 Yemen DOES NOT want war & destruction, they want peace.

❌🇮🇱 It is the Zionists & their allies who force the Yemenis to DEFEND HUMANITY.

✅🇵🇸 I will NEVER CONDEMN the sacrifices of the Yemeni people who are fighting for SELF DETERMINATION against EXTERNAL SUPERPOWERS.

🇺🇸 After all, their struggle for liberation shares some commonalities to the struggle for US independence in the face of British tyranny, occupation & asymmetric violence.

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Jackson Hinkle 🇺🇸
@jacksonhinklle
❤️🇾🇪🇵🇸 Dear Yemen, thank you for the warm welcome today. It is a great honor to be here with you during the holy month of Ramadan & for the International Palestine Conference.

The Yemeni spirit is selfless, courageous & above all else: honorable. I am inspired by your fearlessness on a daily basis & I hope my travels to your glorious country can help establish a bond of peace between our people.

I am appalled by the actions of my government. As I arrived in Sana’a today, the United States was in the middle of bombing Yemen, again. I pray for peace and ask you for your understanding surrounding the fact that the US government DOES NOT represent the interests, needs, or wishes of the American people.

We do not war with you. We do not want genocide in Gaza. And we do not want a government that sheds the blood of innocent souls for the capitalist class, in our name.

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Daniel Mayakovski
@DaniMayakovski
Mientras “Israel” bombardea Gaza y Líbano, Estados Unidos bombardea esta noche la ciudad de Hodeidah, en la costa oeste de Yemen, para proteger el genocidio sionista en Gaza y que prosiga sin interrupciones.

EEUU/”Israel” bombardean 3 paises a la vez esta noche… pero luego te dicen que el peligro es Rusia.

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@Misra_Amaresh
@misra_amaresh

#Breaking

#Yemen ने #Israel राजधानी #TelAviv पर फिर बड़ा हमला कर दिया है। बेन गुरियन airport पर UAE से आ रही फ्लाइट फंस गयी है। पालमाचिम एयर बेस मे भी सायरन बजे हैं।

अल-हूसी की इज़राइली जहाजों के लिए बैन एरिया का एलान

पार्सटुडे- यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के नेता ने इज़राइली जहाज़ों पर लाल सागर से गुज़रने पर फिर से रोक लगाने का एलान किया है।

यमन के अंसारुल्लाह के नेता अब्दुल मलिक अल-हूसी ने बुधवार रात को घोषणा की कि लाल सागर, बाबुल-मंदब स्ट्रेट, अदन की खाड़ी और अरब सागर से इज़राइली जहाजों के गुजरने पर प्रतिबंध लागू किया जाएगा और इस क्षेत्र में यात्रा करने वाले ज़ायोनी शासन के किसी भी जहाज को निशाना बनाया जाएगा।

पार्सटुडे के अनुसार, अंसारुल्लाह के नेता श्री अल-हूसी ने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्रवाई ग़ज़ापट्टी में फिलिस्तीनी जनता की निरंतर घेराबंदी और भुखमरी के लिए एक आवश्यक जवाबी कार्यवाही है। उनका कहना था: ज़ायोनी शासन मानवीय सहायता जाने पर रोक लगाकर और क्रॉसिंग को बंद करके ग़ज़ा के लोगों को अधिक दबाव में डालना चाहता है, जिसे युद्ध अपराध माना जाता है।”

यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के नेता ने फ़िलिस्तीन के घटनाक्रम के संबंध में अरब देशों के रुख़ की आलोचना की और कहा कि अरब शासक अमेरिका और ज़ायोनी शासन के साथ मिले हुए हैं और फ़िलिस्तीन की सेवा के लिए किसी भी कार्रवाई को रोकते हैं।

अब्दुल मलिक अल-हूसी ने बताया कि अरब नेताओं के बयान केवल मौखिक निंदा हैं और ज़ायोनी शासन के खिलाफ राजनीतिक, आर्थिक या राजनयिक क्षेत्रों में कोई व्यावहारिक कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अरब देशों ने इज़राइली शासन के खिलाफ यमन की नाकाबंदी को नाकाम बनाने के लिए ज़मीनी रास्ते खोल दिए हैं, और यह मुद्दा विश्व बैंक की रिपोर्टों में भी सामने आया है।

यमन के अंसारुल्लाह के नेता ने इज़राइल का समर्थन करने में अमेरिका की भूमिका का जिक्र किया और इस बात पर जोर दिया कि तेल अवीव के अपराधों का समर्थन करने में जो बाइडेन सरकार, डोनल्ड ट्रम्प सरकार से भी आगे निकल गई है। उनका कहना था कि इज़राइली शिपिंग को निशाना बनाना केवल शुरुआत है और अगर ग़ज़ा की नाकाबंदी जारी रहती है, तो अंसारुल्लाह अधिक कठोर कदम उठाएंगा।

श्री अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अल-हूसी ने इस बात पर जोर दिया कि ज़ायोनी शासन का मुक़ाबला करने के लिए सभी व्यावहारिक विकल्प मेज पर हैं, और फिलिस्तीनियों के खिलाफ तेल अवीव की कार्रवाई को रोकना केवल तभी संभव होगा जब मज़बूत और कड़े जवाब दिए जाएंगे।