मुरादाबाद: अल्लामा इक़बाल ने अपने एक शेअर में कहा है कि ”
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
अल्लामा इक़बाल ने इस शेअर में हौसला जज़्ज़बा,और आगे बढ़ने का जज़्बा दिलाया है,इंसान अगर मेहनत लगन जुस्तुजू करे, अपने आपको बुलन्द करे तो खुदा भी बन्दे से पूछ सकता है बता तेरी रज़ा क्या है,UPSC के नतीजों में कामयाब हुई बिन बाप की यतीम बेटी इलमा अफ़रोज़ ने अपनी मेहनत ,और लगन से साबित कर दिया है कि इक़बाल ने अपना शेअर ऐसे ही लोगों के लिये कहा था।
पीतल नगरी मुरादाबाद जिले के एक किसान की बेटी इल्मा अफरोज ने सच साबित किया है। सभी बाधाओं को पार कर इल्मा ने सिविल सेवा परीक्षा 2017 में 217 वां स्थान प्राप्त किया है, जिसका परिणाम शुक्रवार की शाम को घोषित किया गया। वह कुंदरकी नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष काजी हबीब अहमद की पोती हैं।
इल्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां सुहेला परवीन और भाई काजी अरफात को दिया। इल्मा का कहना है कि पिता की मृत्यु के बाद, उसकी मां ने उनकी अनुपस्थिति का एहसास नहीं होने दिया। कुंदरकी में शुरुआती अध्ययन के बाद, इल्मा ने मुरादाबाद में विल्सनिया इंटर कॉलेज से पढाई पूरी की।
उन्होंने दिल्ली में सेंट स्टीफेंस कॉलेज से दर्शनशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अध्ययन के लिए वह फ्रांस, इंग्लैंड और अमेरिका भी गईं। इल्मा ने आईएफएमआर और समकालीन दक्षिण एशियाई अध्ययन पुरस्कार जीता।
वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन के क्लिंटन फाउंडेशन के सचिव रही हैं। इल्मा ने सिविल सेवा परीक्षा में भाग लिया और अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल की। इल्मा एक आईपीएस अधिकारी बनना चाहती थी और अब वह कुंदरकी की पहली आईपीएस अधिकारी होगी।