सेहत

मौजूदा स्थिति में 28 साल की महिला में दिल के रोग दिख रहे हैं, महिलाओं के लिए माहवारी सुरक्षा कवच के तौर पर काम करती है!

तेजी से बढ़ती धूम्रपान करने की आदत, शराब पीने की लत महिलाओं के सुरक्षा कवच को भेद रहा है। माहवारी बंद होने तक महिलाओं को दिल सहित दूसरे रोग होने की आशंका कम रहती थी, लेकिन रोग के बदले ट्रेंड ने विशेषज्ञों को परेशान कर दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि पहले महिलाओं को 45 साल या उसके बाद ही सतर्क होने की चेतावनी दी जाती थी, लेकिन मौजूदा स्थिति में 28 साल की महिला में भी दिल के रोग दिख रहे हैं। हालांकि, इन मरीजों की संख्या काफी कम है, लेकिन यह चिंता का विषय है।

महिलाओं के लिए माहवारी एक सुरक्षा कवच के तौर पर काम करती है। इसके जारी रहने तक कई तरह की समस्याएं होने की आशंका काफी कम रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में बदल रहे ट्रेड आने वाले दिनों में समस्या को और गंभीर करेंगे। इसे देखते हुए महिलाओं के लिए अलग ने इलाज नीति तैयार करनी होगी। इसे लेकर डॉक्टरों के सुझाव जुटाए जा रहे हैं। इन सभी सुझाव के आधार पर नई गाइडलाइन तैयार की जाएगी। इसमें पुरुषों और महिलाओं के इलाज को लेकर अलग-अलग नीति होगी। इन अलग नीति की मदद से इलाज को प्रभावी व सटीक बनाया जा सकेगा। साथ ही महिलाओं में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या को समय से पहले पकड़ा जा सकेगा।

सफदरजंग में हुई बैठक
महिलाओं में बदले ट्रेंड को देखते हुए सफदरजंग अस्पताल के जैव रसायन विभाग ने महिलाओं में कार्डियो मेटाबोलिक स्वास्थ्य पर सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन किया। इसमें वर्धमान मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीतिका खन्ना, डॉ. पीएस भाटिया, डॉ. जे मणि, डॉ. वी चक्रवर्ती ने महिलाओं में होने वाले रोग पर चर्चा की। इसमें दिल्ली एनसीआर के विभिन्न संस्थानों के 80 से अधिक डॉक्टर आए और उन्होंने नई समस्या को रखा।

पुरुषों की तरह महिलाओं में बढ़ा तनाव
बैठक के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि बदलते दौर में पुरुषों की तरह महिलाएं भी कामकाजी बन रही हैं। इन महिलाओं में तनाव का स्तर काफी बढ़ा है। इसके अलावा चिंता, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान करने की आदत, शराब पीने की लत बढ़ी है। जिसने महिलाओं में मेटाबॉलिक सिंड्रोम को बढ़ा दिया है। इनके कारण कम उम्र की युवतियों में भी कई ऐसे रोग देखने को मिल रहे हैं जो पहले मेनोपॉज के बाद मिलते थे।

मेनोपॉज के बाद दोगुने जोखिम पर होती है महिलाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि मेनोपॉज के बाद महिलाएं पुरुषों के मुकाबले दोगुने जोखिम पर रहती है। इनमें हार्मोन प्रोफाइल तेजी से बदलता है। ऐसे में जिन महिलाओं में मोटापा, मधुमेह, बीपी सहित दूसरी समस्याएं होती हैं। वह तेजी से दिल की रोगी बनती है। डॉक्टरों की माने तो महिलाओं को एक उम्र के बाद नियमित जांच करवानी चाहिए।

इनसे बचें…
शराब पीना
धूम्रपान करना
चिंता, तनाव