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मोहम्मद ग़ज़नवी 5,000 हज़ार किलोमीटर का सफ़र तयकर सोमनाथ मंदिर तोड़ने नही आया था!

Kranti Kumar
@KraantiKumar
मोहम्मद ग़ज़नी 5,000 हज़ार किलोमीटर का सफर तयकर सोमनाथ मंदिर तोड़ने नही आया था.

यह सच है कि उसे सोमनाथ मंदिर के कुछ हिस्सों को तोड़ना पड़ा, ऐसा उसने हिन्दू धर्म को नीचा दिखाने के लिए नही किया.

सोचो क्यों आया था, असल इतिहास इस देश के कम्युनल इतिहासकार नही बताएंगे.

मोहम्मद ग़ज़नी बामियान होते हुए मुल्तान के रास्ते राजस्थान में दाखिल हुआ और गुजरात पहुचकर उसने सोमनाथ मंदिर को तोड़ा और लूटा.

बामियान में उसने बुद्ध की प्रतिमा नही तोड़ी, मुल्तान से सोमनाथ की दुरी 2,000 किलोमीटर की है, मानलो हर एक किलोमीटर के दायरे में 4 हिंदी मंदिर थे.

तो कुल मिलाकर 8,000 हिन्दू मंदिर हुए. मोहम्मद ग़ज़नी ने इन 8,000 मंदिरों को क्यों नही तोडा ? सिर्फ सोमनाथ मंदिर को क्यों तोडा और लुटा ?

अगर उसे वैदिक धर्म को नीचा दिखाना था तो वो पंजब और राजस्थान के कुछ मंदिर तोड़कर लौट जाता.

मसला धर्म का नही सोने का था. गुजरात के शासकों ने सोमनाथ मंदिर में 20,000 सोने के सिक्के में छुपाए थे.

इन्ही 20,000 हज़ार सिक्कों के लिए ग़ज़ना से 5,000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए ग़ज़नी सोमनाथ आया था.

ग़ज़ना में बैठे बैठे ग़ज़नी को कैसे पता चला सोमनाथ मंदिर में 20,000 हज़ार सोने के सिक्के हैं ?

सिक्कों की खबर उसे गुजरात के हिंदुओं ने दी थी जो स्थानीय राजाओं के विरोध में थे. मोहम्मद ग़ज़नी की सेना में 35% सैनिक हिन्दू थे और 12 सेनापतियों में भी 5 हिन्दू थे.

अब बोलो मोहम्मद ग़ज़नी हिन्दू धर्म विरोधी कैसे हुआ ?

सम्राट, राजा, महाराजा, सुल्तान और शासकों को धर्म के चश्मे से देखना बंद होना चाहिए. हर युद्ध और नरसंहार के पीछे आर्थिक कारण सर्व प्रथम है.

 

Kranti Kumar
@KraantiKumar
■ यह पोस्ट उनके लिए है एक तमाचा है जो मुझे हिन्दू विरोधी कहते हैं. मैं किसी राजा या बादशाह के पक्ष या विरोध में नही, केवल फैक्ट लिखता हूँ.

◆ मुहम्मद ग़ज़नी मुल्तान के रास्ते भारत आना चाहता था. उसने मुल्तान के शासक अब्दुल फत दावूद से इसकी इज़ाज़त मांगी.

◆ अब्दुल फत दावूद ने मुहम्मद ग़ज़नी को भारत जाने के लिए मुल्तान का मार्ग देने से मना कर दिया. मुल्तान के रास्ते एक दरिया पारकर भारत में आसानी से दाखिल हो सकते हैं.

◆ मुहम्मद ग़ज़नी ने मुल्तान मार्ग के लिए अब्दुल फत दावूद से युद्ध किया. परिणाम अब्दुल युद्ध हार कर मुल्तान की जामा मस्जिद में छुप गया.

◆ अब्दुल को मारने के जूनून में मुहम्मद ग़ज़नी के आदेश पर ग़ज़नी की सेना ने पूरे जामा मस्जिद को जमींदोज करना पड़ा.

◆ और कम्युनल इतिहासकार बोलते हैं मुहम्मद ग़ज़नी कट्टर मुस्लिम शासक और हिन्दू धर्म विरोधी था.

◆ मोहम्मद गजनी ने फत दावूद को मारने के लिए अपने धर्म की मस्जिद को ध्वस्त किया. उसी तरह मंदिर में रखने ख़ज़ाने को लूटने के लिए सोमनाथ मंदिर को क्षतिग्रस्त किया.

◆ पूर्व में अनेक शासकों ने मंदिर मस्जिद चर्च को जमींदोज संपात्ति लूटने के लिए किया, ऐसे धर्म स्थलों में बड़े पैमाने पर सोना और धन जमा था.

◆ इसलिए किसी भी धर्म के शासकों, चाहे वो हिन्दू हो, मुस्लिम हो या ईसाई हो धर्म के चश्मे से उनका मूल्यांकन नही करना चाहिए.