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मोदी ने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है, आप देश भक्त नहीं देशद्रोही हो : संसद में राहुल गांधी का आग बरसाता भाषण!

भारत की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी है जिसके दौरान कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने आज सदन में भाषण दिया। राहुल गांधी के भाषण से सदन में हंगामा मच गया।

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह अहंकार में डूबी हुई है और वह देश के नहीं बल्कि केवल दो लोगों गृह मंत्री अमित शाह और अरबपति अडानी की आवाज़ ही सुन रही है।

राहुल गांधी ने मणिपुर में जारी दंगों से पैदा होने वाले हृदय विदारक हालात को बयान किया और वहां पीड़ितों से अपनी मुलाक़ात का हवाला देते हुए दो महिलाओं के बारे में बताया जो बुरी तरह दंगों की चपेट में आई थीं।

राहुल गांधी का आरोप था कि सरकार मणिपुर में हिंसा को रोकना ही नहीं चाहती वरना अगर सरकार मणिपुर में सेना को तैनात कर दे तो सेना एक दिन में हालात को क़ाबू में कर सकती है।

कांग्रेस नेता भाषण की शुरुआत बहुत संयमित ढंग से और बहुत अच्छू मूड में की लेकिन मणिपुर के हालात पर बोलते हुए वे बहुत आवेग में दिखाई दिए और बड़े मार्किक अंदाज़ में अपनी बात रखते हुए बार बार कह रहे थे कि सरकार ने मणिपुर में भारत की हत्या कर दी, मणिपुर में भारत माता का क़त्ल कर दिया।

राहुल गांधी ने हरियाणा के सांप्रदायिक दंगों की तरफ़ इशारा करते हुए मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने मणिपुर में केरोसीन छिड़का और फिर आग लगा दी और इसके बाद हरियाण में भी आग लगाई और अब पूरे देश में आग लगाना चाहती है।

कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर अहंकारी होने का आरोप लगाया और कहा कि लंका को हनुमान जी ने आग नहीं लगाई बल्कि रावण के अहंकार ने आग लगाई। उन्होंने कहा कि रावण को राम नहीं नहीं बल्कि रावण के अहंकार ने मारा।

राहुल गांधी जब भाषण दे रहे थे तो उस समय सत्ता पक्ष की ओर से बहुत हंगामा किया गया जबकि इस बीच जवाब में विपक्षी सांसद भी शोर मचा रहे थे।

Ravish Kumar Official
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लोकसभा में राहुल गांधी ने भारत माता के नारे लगाने वालों को बता दिया कि मणिपुर में महिलाओं के साथ क्या हुआ है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री दो लोगों की आवाज़ सुनते हैं। राहुल का भाषण कैसा था, यह बीजेपी के नेताओं की प्रतिक्रिया से भी पता चल जाता है, उनके जवाबों में मणिपुर कम, राहुल ही ज्यादा नज़र आए। राहुल के भाषण में मणिपुर,प्रधानमंत्री और वो दो लोग जिनकी बात वे करते रहते हैं। आज लगा था कि महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी मणिपुर पर जवाब देंगी और विपक्ष को ढेर कर देंगी मगर वे सीधे चली गईं कश्मीर। और वहाँ से बंगाल और राजस्थान होते हुए अमेठी पहुंच गईं। बल्कि स्मृति ईरानी ने बहुत सारी योजनाओं को गिना कर प्रधानमंत्री के भाषण में मणिपुर के लिए काफी ख़ाली जगह छोड़ दी है। अब वे चाहें तो पूरा भाषण मणिपुर पर दे सकते हैं।

इन सबके बीच मणिपुर की जनता को जो संदेश पहुंचना चाहिए था कि संसद साथ है, भारत आपके साथ है, वो पहुंचा या नहीं, बेहतर है आप ही फैसला करें। मणिपुर दांव पर है। दो दिन हो गए मगर इस सवाल का जवाब किसी को नहीं मिला कि प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए, शांति की अपील क्योें नहीं की और मणिपुर पर सदन में अब तक क्यों नहीं बोले। कल लोक सभा में उनका भाषण है।