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मोदी द्वारा जनता से लिया गया, पीएम केयर्स फंड का पैसा कहां जा रहा है, जिसके ख़र्च का सरकार द्वारा कोई हिसाब नहीं दिया जाता है : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने पीएम केयर्स फंड में योगदान दिया, लेकिन सरकार ने कोई हिसाब नहीं दिया। पूर्व सांसद ने पूछा कि लोगों का पैसा कहां जा रहा है।

राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया कि पीएम केयर्स फंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता से लिया गया पैसा है, जिसके खर्च का सरकार द्वारा कोई हिसाब नहीं दिया जाता है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘न तो किसी को पता है कि इसका कितना दुरुपयोग किया गया है और न ही इसका कोई सकारात्मक प्रभाव दिखाई दिया है।’

उन्होंने आरोप लगाया कि इस कोष में लोगों की गाढ़ी कमाई के अलावा देश की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के हजारों करोड़ रुपये भी इसमें चले गए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, यह पैसा भी जनता का है, यह करदाताओं का है।

उन्होंने कहा, ‘अब तक सरकारी कंपनियों द्वारा पीएम केयर्स में 2,900 करोड़ रुपये डाले गए हैं, जिसमें से 1,500 करोड़ रुपये केवल पहली पांच कंपनियों से आए हैं।’ गांधी ने दावा किया कि ओएनजीसी ने 370 करोड़ रुपये, एनटीपीसी ने 330 करोड़ रुपये, पीजीसीआई ने 275 करोड़ रुपये, आईओसीएल ने 265 करोड़ रुपये, पावर फाइनेंस कमीशन ने 222 करोड़ रुपये दिए हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इन कंपनियों ने धन का सार्वजनिक रूप से निवेश किया है जिसका इस्तेमाल देश के सुधार के लिए किया जाना था। लेकिन न तो इसके जरिए प्रदान की गई मदद का कोई अनुमान है, न ही किसी के जीवन में विकास का। जनता से लूटा गया यह पैसा कहां जा रहा है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम केयर्स फंड में गोपनीयता बरती जा रही है। उन्होंने जवाब मांगा कि इसकी कोई पारदर्शिता या जवाबदेही क्यों नहीं है और यह किसी ऑडिट या आरटीआई के अधीन नहीं है। जब कि इसका साठ फीसदी धन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से प्राप्त होता है।

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने 5,000 करोड़ रुपये का चंदा पाने वाले कोष में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की थी और कहा था कि इसे सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में आना चाहिए और कानूनी वैधता द्वारा समर्थित होना चाहिए।