सेहत

मोटापे के दुष्प्रभाव सिर्फ़ ब्लड प्रेशर और हार्ट की दिक्कतों तक ही सीमित नहीं है : रिपोर्ट

मोटापा गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका खतरा लगभग हर उम्र के व्यक्ति में देखा जाता रहा है। मोटापे के शिकार लोगों में कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है। डॉक्टर्स कहते हैं, अधिक वजन और मोटापा की स्थिति न सिर्फ क्रोनिक बीमारियों का कारण बन सकती है साथ ही जिन लोगों को पहले से डायबिटीज-हार्ट की समस्या है उनके जोखिमों को और भी बढ़ा सकती है।

अगर आपका भी वजन अधिक है तो सावधान हो जाइए, अगर इसे समय रहते कंट्रोल न किया गया तो आपको गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं। आमतौर पर बढ़े हुए वजन की समस्या को हृदय रोगों का कारक माना जाता है, पर क्या आप जानते हैं कि इसके जोखिम यहीं तक सीमित नहीं हैं।

आइए मोटापा के शिकार लोगों में होने वाली समस्याओं के बारे में जानते हैं।
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हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

जिन लोगों का वजन सामान्य से अधिक होता है उनमें हाई ब्लड प्रेशर और इससे संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर में खून का दबाव आपके रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर अधिक होने लगता है। हाई ब्लड प्रेशर का सबसे बड़ा खतरा हृदय स्वास्थ्य पर देखा जाता रहा है और इसकी अनियंत्रित स्थिति हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का भी कारण बन सकता है।

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, हाई ब्लड प्रेशर आपके किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

हृदय रोगों का खतरा

हृदय रोगों के लिए ब्लड प्रेशर बढ़े रहने को प्रमुख कारक माना जाता है। ये स्थिति दिल का दौरा, हार्ट फेलियर, एनजाइना और या असामान्य रूप से हृदय गति को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। जिन लोगों को पहले से ही हार्ट की समस्या रही है अगर उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं रहता है तो ऐसे लोगों में जानलेवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक का भी जोखिम बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि शरीर के अतिरिक्त वजन को कम करने से आपको हृदय रोग के इन जोखिम कारकों से बचाव में भी मदद मिल सकती है।

टाइप-2 डायबिटीज के हो सकते हैं शिकार

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, अधिक वजन की समस्या आपको डायबिटीज का भी शिकार बना सकती है। टाइप-2 डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल बहुत अधिक हो जाता है। टाइप-2 डायबिटीज वाले लगभग 10 में से 9 लोगों का वजन अधिक देखा जाता रहा है। समय के साथ, हाई ब्लड शुगर के कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी, आंखों की समस्याएं, तंत्रिकाओं का विकार होने का भी जोखिम बढ़ता जाता है।

लिवर में फैट की दिक्कत

मोटापे के दुष्प्रभाव सिर्फ ब्लड प्रेशर और हार्ट की दिक्कतों तक ही सीमित नहीं है, इसका असर लिवर की सेहत पर भी हो सकता है। अधिक वजन की समस्या से फैटी लिवर रोग का जोखिम बढ़ जाता है। इस स्थिति में आपके लिवर में वसा की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे गंभीर लिवर डैमेज, सिरोसिस और यहां तक कि लिवर फेलियर भी हो सकती है।

नॉनअल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) के बढ़ते वैश्विक जोखिमों के लिए शोधकर्ताओं ने मोटापे को प्रमुख कारकों में से एक माना है।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: तीसरी जंग हिंदी लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।