साहित्य

मैं सोच के सिहर जाती हूं यदि मेरी मृत्यु पहले हो गई तो मेरे पति का क्या होगा

हो सकता है आप लोगो को मेरी बात खराब लगे, या ये भी हो सकता है की आप लोगो को लगे को मेरी सोच खराब है यदि ऐसा है तो मैं दिल से आप लोगो से क्षमा मांगती हूं
मेरे से बड़े
मेरी उम्र 75 साल है और मेरे पति 81 साल के हैं मैं 22 साल की थी तभी मेरी शादी हो गई क्यों की वो जमाना कुछ और था
शादी के बाद मेरे पति जो की एक सरकारी नौकरी करते थे मुझे अपने साथ कानपुर लेके आगये शादी के टाइम मैं सिर्फ 12 तक पढ़ी थी मेरे पति ने मुझसे पूछा की आगे पढ़ाई करनी है मैने हां कर दी
लेकिन पढ़ाई के साथ ही मेरी पहली बेटी का जन्म हुआ 24 साल की उम्र में और उसके बाद 27 साल की उम्र में दूसरी बेटी का
मेरी दोनो बेटियां मेरे लिए काफी सौभाग्य शाली थी कुछ समय बाद मेरी भी नौकरी लग गई और मैं असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात हुई
और मेरा पूरा परिवार सुखी था लेकिन कभी कभी लोग आते और बोलते की एक बच्चा और कर लो हमने हमेशा बोला नही दो काफी है
मेरी घर वालों ने बोला की 2 बेटियां है भगवान की दया से किसी चीज की कोई कमी नही है तुम एक बेटा भी पैदा करो
अब समाज का दबाव लेकिन हम दोनो पति पत्नी सैद्धांतिक आदमी हमने आगे और बच्चा पैदा नही किया
हमारा मानना था की बेटा हो या बेटी दोनो बराबर है
जल्दी वो समय आया जब मेरी बेटियों की शादी हो गई
आज बेटियां अपने घर में खुश हैं हमने उन्हें अच्छे से पढ़ाया संस्कार दिए सब कुछ अच्छा है समाज में हम एक। आदर्श माता पिता एक पति पत्नी हैं
लेकिन आज हम अकेले हैं बेटियां अपनी है लेकिन अब हम उनके अपने नही हैं, ये शब्द काफी कठोर है लेकिन ये सच है बेटियों का अपना परिवार है बच्चे हैं पति है
लेकिन हम दोनो अकेले हैं यदि एक छोटी सी चीज भी लेनी हो तो हमे उसके लिए बाहर जाना पड़ता है रात में तबियत खराब हो तो हमे अकेले सब देखना पड़ता है
दुनिया बोलती है बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता लेकिन मैं अपने तजुर्बे से बोल सकती हूं बेटा और बेटी में बहुत फर्क होता है
शादी की बाद बेटी का घर कुछ और हो जाता है
लेकिन शादी के बाद बेटा कैसा भी आप को एक सहारा मिलता है
मान लिया आप का बेटा बहु खराब है फिर भी एक आस रहती है और ज्यादातर लोग ध्यान रखते हैं बुढ़ापे में मां बाप का
पर यदि आप का बेटा ना हो तो आप के पास कोई आस और उम्मीद भी नही बचती है
और अपने अंत समय में आप बिलकुल अकेले होते हैं
आप के लिए सिर्फ आप का पति या पत्नी होती है
मैं सोच के सिहर जाती हूं यदि मेरी मृत्यु पहले हो गई तो मेरे पति का क्या होगा
और यदि उनकी पहले हो जाती है तो मैं अकेले क्या करूंगी
कोई कुछ भी बोले जीवन में बच्चो के तौर पर बेटा और बेटी दोनों होना जरूरी है
हमारी तरह आप कहीं ये गलती मत कीजिएगा की बेटा और बेटी में कोई अंतर नही होता
अंतर होता है और काफी बड़ा अंतर होता है