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रात को गुलज़ार हो जाती है गली….By-जयचंद प्रजापति
जयचंद प्रजापति ========== · रात को गुलज़ार हो जाती है गली ……………. दिन मे कोई नही आता इस गली में। सूनी रहती है। कोई हलचल नहीं। आवारा गाय और कुत्ते अक्सर इस गली में आकर बिना डर भय के आराम करते हैं। रात होते ही यह गली गुलजार हो जाती है। चहल कदमी बेफिक्री से। […]
दिल ज़ोरों से रोया है फिर….कुछ तो है जो खोया है फिर….By-सरिता जैन
Sarita Jain ================ जब भी अपनी अना से लड़ती हूँ इक मुख़ालिफ़ हवा से लड़ती हूँ। इन्तिहा दास्ताँ की करनी है इस लिए इब्तिदा से लड़ती हूँ। दोस्तों की जफ़ा नहीं समझी दुश्मनों की वफ़ा से लड़ती हूँ। मुझ पे गिरती हैं बिजलियाँ सी कई जब भी काली घटा से लड़ती हूँ। सर पे माँ […]
#माॅंगें_मिले_न_भीख…By-मनस्वी अपर्णा
मनस्वी अपर्णा ========== #माॅंगें_मिले_न_भीख किसी भी आम इंसान की तरह मुझे भी एक लंबे अरसे तक कुदरत के इंसाफ़ और नाइंसाफ़ी को लेकर अच्छी खासी ज़हनी जद्दोजहद रही है, मुझे भाग्यवाद का formula कभी समझ नहीं आया, मेरे दिमाग़ को प्रत्येक बात का कोई rationale answer चाहिए होता था, जबकि मेरे आस पास लगातार ऐसा […]