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हम चाहते कुछ और हैं, होना कुछ और चाहिये, होता कुछ और है। जैसे सब गड्डमगड्ड है….By-सर्वेश तिवारी श्रीमुख
Sarvesh Kumar Tiwari ============ और अंततः एक बरस और बीत गया। बीतता साल यदि राम के बनवास की तरह बीत जाय तो क्या बात हो, पर जीवन बीतता दशरथ की आयु की तरह ही है। यूँ ही चलते चलते पता चलता है कि हाथ से कुछ पल और सरक गए… ‘बिहारी’ मेरे प्रिय कवि हों, […]
इस अभाव और ग़रीबी से निकलना है, तो शिक्षा की मशाल जलानी होगी, अन्यथा यहीं छटपटाते हुए जीवन व्यर्थ हो जाएगा
Madhu Singh ==================== “मम्मीजी, आप ज़रा चाचाजी को कुर्सी पर बैठने को कहिए, देखिए तो, लॉन में कैसे बैठे हैं.” बहू सुप्रिया के कहने पर मालती ने लॉन की ओर देखा काका भैरोमल आराम से घुटने तक धोती खिसकाए मूंगफली टूंगते हुए धीरे-धीरे तेल से घुटने की मालिश कर रहे थे. वो कुछ कहती उससे […]
गंवार…एक लड़की की शादी उसकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ एक सीधे साधे लड़के से हो जाती है….
कश्मीरा एण्ड शहरयार ================ गंवार.. एक लड़की की शादी उसकी मर्जी के खिलाफ एक सीधे साधे लड़के से हो जाती है जिसके घर में एक मां के आलावा और कोई नहीं है। दहेज मे लड़के को बहुत सारे उपहार और पैसे मिले होते हैं । लड़की किसी और लड़के से बेहद प्यार करती थी और […]