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मैं बूढ़ी यहां सारा घर का काम करती रहती हूँ और तुम…..!!!
रात के साढ़े बारह बजे दरवाजा खुलने की आवाज सुनकर बुजुर्ग उषाजी ने उसी ओर देखा तो सामने बेटा सुमित और बहू नेहा अंदर की ओर आ रहे थे। ये क्या लगा रखा है तुम दोनों ने! हर रोज देर रात को पार्टी में से लौटना! मैं बूढ़ी यहां सारा घर का काम करती रहती […]
अपनी फ़ितरत से मजबूर तुम जब फिर भी छलोगे उसे तो यक़ीनन….
Madhu Singh ========= कुछ स्त्रियां हौसला होती हैं अपना और अपने परिवार का ऐसा नहीं कि वो टूटती नहीं बिखरती, रोती और बिलखती नहीं पर इन सबसे ऊपर होता है उनका आत्म विश्वास खुद को खुद ही जोड़ने का हुनर हर परिस्थिति में खुद को ढाल लेने का हुनर अपनी कमजोरियों से लड़कर उन्हें अपनी […]
मिल गई फुर्सत घर आने की…हेमलता गुप्ता स्वरचित
मिल गई फुर्सत घर आने की, अरे घर में है कौन तुम्हारे लिए, बाहर जाओ घूमो फिरों मटरगश्ती करो और हां …मैंने खिचड़ी बनाकर रख दी है गर्म करके खा लेना और सारे बर्तन और रसोई को साफ कर देना, मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर जा रही हूं। सुनो ना.. टीना, आज मेरा एक […]