विशेष

मेरा भाई रोज़ रात को घोड़ी का दूध पीता और…

कुँवारी दुल्हन
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बुआ को जन्नत की सैर कराई ।।
मेरी बुआ एक 40 साल की खूबसूरत औरत थी
लेकिन देखने में अभी भी जवान लगती थी वह
हमारे यहां नौकरानी का काम करती थी लेकिन
वह मुझे अपना मानती थी एक दिन हुआ कहने
लगी कि आज मैं तुम्हारे पैरों की तेल से
मालिश कर देती हूं मैं उनको बार-बार मना
करता रहा कि नहीं बुआ रहने दो लेकिन व जिद
करके मेरे कमरे में आ गई और तेल लेकर मे
पैरों की मालिश करने लगी मालिश करते करते
उसका हाथ मे पैरों के ऊपर आने लगा जिससे
मेरे जज्बातों में हलचल मचाने लगी फिर एक
नजर हुआ कि आंखों में देखा तो उनकी आंखों
में वह प्यास थी जिसकी मैं कल्पना भी नहीं
कर सकता था फिर अचानक से वह मेरे ऊपर आ गई
जिससे मैं अपने जज्बातों पर काबू नहीं रख
सका और बुआ को..…..

मेरा नाम राजा और मेरी उम्र अभी 20 साल है मेरी बुआ बहुत
ही खूबसूरत थी वह मेरा बहुत ही ख्याल रखती
थी लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे
अपनी बुआ को इस तरह देखने का म मिलेगा
मुझे नहीं पता था कि जिसने बचपन में मेरा
इतना ख्याल रखा उसका मुझे देखने का नजरिया
इस तरह बदल जाएगा एक बार मेरे माता-पिता
दो महीने के लिए दुबई चले गए इसी बीच मेरी
मां ने घर का काम करने के लिए एक नौकरानी
रख ली थी दूसरे दिन सुबह के 10:00 बजने
वाले घर की घंटी बजी उस वक्त मेरी मम्मी
और पापा दुबई जाने के लिए घर से निकल गए
थे उसी वक्त में जैसे ही दरवाजा खोला तो
देखा कि मेरे सामने एक बड़ी ही खूबसूरत
औरत खड़ी थी वह मुझसे कहने लगी कि इस घर
में एक नौकरानी की जरूरत है ना मैंने कहा
हां मेरी मां ने आपको बुलाया होगा फिर मैं
उस औरत को फौरन अपने घर के अंदर बुला लिया
लेकिन वह औरत कुछ ज्यादा ही तेज निकली
जितनी वह देखने में सुंदर थी उतनी ही वह
शातिर भी थी क्योंकि उसे फौरन पता चल जाता
था कि घर में क्या चीज कहां पर रखी हुई है
फिर मैं अपनी मां को फोन करके बताया कि घर
पर एक नौकरानी आई है तो मां ने कहने लगी
कि हां मैंने उसे तुम्हारे मदद के लिए
भेजा है नौकरानी के आने की खबर सुनकर मन
की भी शंका दूर हो गई दिन भर में काम के
बाद जब शाम को नौकरानी को कम से छुट्टी का
समय हो गया उस वक्त नौकरानी कहने लगी राजा
मैं मैं सुबह से तुम्हारे साथ हूं लेकिन
तुम अभी भी मुझे पहचान नहीं पाए उसकी बात
सुनकर मेरे चेहरे पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो
गया तब मैंने उनसे कहा कि मैं जानता हूं
कि आप दूसरे के घर में काम करने वाली औरत
हैं इसके अलावा आपकी दूसरी पहचान क्या हो
सकती है मैंने इस बात पर वह कहने लगा मैं
इस घर के नौकरानी बनकर जरूर आई हूं लेकिन
इससे पहले मैं तुम्हारी मुंह बोली हुई बुआ
हूं मेरे नाम से जानी जाती थी मेरे नाम
कविता है मैं तुम्हें बचपन में बहुत
खिलाया करती थी मैं तुम्हारी बुआ हूं मुझे
अब समझ में आया था कि मेरी देखभाल के लिए
मेरी मां ने बुआ को मेरे पास भेजा था
लेकिन यह बात मुझे पता ही नहीं था मुझे
नहीं पता था कि कविता जी मेरी बुआ है जब
बच्चा बड़ा हो जाता है तो उसे बचपन की
बातें भी याद नहीं रहती उस दिन मेरे साथ
भी वही हुआ था लेकिन उनका नाम याद था
इसलिए जैसे ही कविता बुआ ने मेरा हाथ
पकड़ा तो मुझे उनके स्पर्श से एक अलग ही
एहसास होने लगा उस दिन मैं इतने सालों के
बाद अपनी मुंह बोली बुआ से मिला था इसलिए
मैं बहुत खुश था जब उन्होंने देखा कि मैं
उन्हें पहचान लिया हूं तो उनके चेहरे पर
भी मुस्कुराहट आ गई थी उस वक्त शाम के 7:8
बज रहे थे तो मैं बुआ से कहा कि अब घर का
सारा काम हो गया है तो आप जा सकती हैं
लेकिन कल समय के से काम पर आ जाइएगा मेरी
बात सुनकर वह कहने लगी राजा बेटा मेरे पास
रहने के लिए अपना घर नहीं है अगर आप मुझे
कुछ पैसे कम भी दोगे तो भी चलेगा लेकिन
अगर मुझे रहने के लिए कमरा दे दो तो अच्छा
रहेगा उसकी बात सुनकर मैंने अपनी मां को
फोन किया मैं अपनी मां को इस बारे में ब
सब कुछ बता दिया तब मां ने कहा कि हमारे
घर में बहुत कमरे खाली पड़े हैं तुम उनमें
से एक कमरा उसे दे दो अगर वह घर में रहेगी
तो वह तुम्हारा हर अच्छे से काम कर दिया
करेगी तुम्हें भी बहुत ज्यादा काम करने की
जरूरत नहीं पड़ेगी मां की बात मानकर मैंने
उन्हें घर में एक कमरा दे दिया वह अपने
साथ कोई भी सामान लेकर नहीं गई थी इसलिए
मैंने उन्हें मां की कुछ पुरानी साड़ी दे
दी फिर मैं उनसे कहा कि मां के कमरे में
आप अपने कपड़े बदल लें इतना कहकर मैं कमरे
से बाहर आ गया कुछ देर के बाद मैं मां के
कमरे में वापस चला गया क्योंकि मुझे उनके
कमरे से चार्जर लेना था उसी वक्त मैं यह
भूल गया था कि बुआ कमरे में कपड़े बदल रही
है जब बुआ को कपड़े बदलते देखा तो मैं
फौरन से अपनी आंखें बंद कर कर लिया लेकिन
बुआ को मुझे देखकर कोई भी शर्म नहीं आई वह
चुपचाप अपने कपड़े पहन रही थी फिर
उन्होंने कहा कि राजा यहां आओ मेरे सामने
बैठो और मुझसे बताओ कि तुम्हारी मां की है
साड़ी मुझ पर कैसी लग रही है जब वह अपने
कपड़े बदल रही थी तभी वह मुझे अपने पास
मुझे बुला रही थी लेकिन मुझे यह सब कुछ
अच्छा नहीं लग रहा था बुआ देखने में बहुत
सुंदर और जवान लग रही थी उनकी इतनी उम्र
होने के बावजूद भी वह एक जवान लड़की की
तरह लग रही थी कुछ ही देर में वह मेरी मां
की साड़ी पहनकर उनके कमरे से बाहर आ गई
उसे पुरानी साड़ी में वुआ बेहद खूबसूरत लग
रही थी ऐसे ही कुछ दिन बीत गए उन्हें काम
पर आए 15 दिन हो गए थे फिर उन्होंने मुझे
अपने बचपन की यादों के बारे में बताने लगी
मुझे बचपन की बातें याद आने लगी उस वक्त
मैं बहुत ही भावूक हो गया था क्योंकि बचपन
की याद ही ऐसी होती हैं कि वह हमें भावूक
होने पर मजबूर कर देती हैं बुआ ने मुझे
बचपन की याद दिलाकर मुझे थोड़ा परेशान कर
दिया था एक दिन मैं नहाकर अपने कमरे में
कपड़े बदल रहा था कि तभी बुआ वहां पर आ गई
और कहने लगी राजा लो आज मैं तुम्हें मारी
मालिश कर देती हूं बुआ की ऐसी बातें सुनकर
मैं बिल्कुल ही हैरान रह गया मैंने कहा
नहीं बुआ मैं खुद से कर लूंगा मुझे दूसरों
से शर्म आता है फिर मैं बुआ से कहा आप
मालिश का काम छोड़िए आप किचन में जाकर यह
देखिए कि नाश्ते में क्या बनना है मेरे
बार-बार मना करने पर भी वह मुझे मालिश के
लिए जिद्द करती रही मैंने सोच लिया था कि
वह चाहे कितना भी जोर दे दे मैं उससे
मालिश नहीं करवाना चाहता था क्योंकि अब
मैं बड़ा हो गया हूं तो मुझे शर्म आती थी
मैंने एक नजर बुआ को गौर से देखा वह उदास
होकर बैठ गई थी फिर मैंने उनसे कहा कि
तुम्हें मेरे हाथ से मालिश नहीं करवाया
लेकिन मुझे कपड़े पहनाने दो मैं चुपचाप
उनके सामने अपना सिर झुकाकर उन्हें अपने
कपड़े पहनाने दिया फिर मुझे कपड़े पहनाने
लगी वह मुझे कपड़े पहनाने के बाद मेरे बाल
भी बनाने लगी उस वक्त मेरे मन में बहुत
खूबसूरत बुआ को देखकर कई तरह के ख्याल आ रहे थे और बुआ भी चाह रही थी कि मालिस कर दे तो मैंने बोल दिया कि आप मेरी मालिस कर दो फिर क्या था बुआ कमरे में आई और मालिस करने लगी और मालिस करते हुए वो,,,, अब बुआ बहुत सरमा के बात करती है और जब हमें समय मिलता हैं तो हम खेल लेते हैं ।।

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कुँवारी दुल्हन
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मेरा भाई रोज रात को घोड़ी का दूध पीता और
मेरे पास सोने की जिद्द करता मैं भी छोटा
बच्चा समझकर पास सुला लेती लेकिन एक रात
मेरे होश उड़ गए जब मैं नींद से जागी तो
मेरा भाई मेरे …चीखें निकाल दी

आज फिर मेरा छोटा भाई मेरे कमरे में सोने के
लिए आ गया था मैं पहले तो हैरान हुई कि
अचानक से मेरा भाई को मेरे कमरे में सोने
का जुनून क्यों चढ़ गया

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मगर मैं जब भी उससे पूछती तो व ही कहता कि इसको अब अकेले
कमरे में सोने से डर लगता है मुझे अपने
छोटे भाई पर बहुत ज्यादा प्यार आया था और
मैं उसको अपने साथ सुला लिया वह वैसे भी
12 साल का छोटा सा बच्चा था और मैं
क्योंकि 22 साल की थी तो मेरे लिए तो मेरा
भाई बहुत ही छोटा था इसीलिए मुझे उसको
अपने साथ सुलाने पर कोई मसला नहीं था इस
तरह तब तकरीबन रोज ही मेरा भाई उस वक्त
मेरे पास सोने के लिए आता था जिस वक्त मैं
बस सोने ही वाली होती थी पहले-पहले तो मैं
इस बात को बिल्कुल ध्यान नहीं दिया और
अपने भाई को अपने पास सुला दी रही मगर फिर
कुछ दिनों के बाद मुझे अपने भाई में अजीब
से बदलाव महसूस होने लगे थे मुझे लगता था
कि जैसे मेरा भाई मुझे हर वक्त बहुत गौर
से देखता है और सिर्फ रात ही नहीं मेरा

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छोटा भाई दिन में भी और मेरे आगे पीछे
घूमता घूमने लगा था मैं जहां जाती वह मेरे
ही पीछे होता था मैं किचन में काम कर रही
होती तो मेरा छोटा भाई भी किचन में ही
मेरे पास आकर बैठ जाता और जब तक मैं किचन
में काम करती रहती वह वहीं पर बैठा रहता
था और अगर मैं उसको बोल भी देती कि तुम
यहां क्या कर रहे हो हो तो अपने दोस्तों
के साथ जाकर खेल तो क्यों नहीं हो मैं
इतने दिनों से देख रही हूं कि तुम अब
स्कूल भी बहुत छुट्टियां करने लगे हो और
यह बहुत गलत बात है इस तरह तुम्हारी पढ़ाई
का बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा और तुम
अपनी क्लास वालों से बहुत पीछे रह जाओगे
और जो मेरे ख्वाब है तुम्हें डॉक्टर बनाने
का वह भी पूरा नहीं हो पाएगा तुम अब अपनी
छुट्टिया वाली यह गलती रूटीन खत्म कर दो
और दोबारा से स्कूल जाना शुरू कर दो तो
मेरा भाई यह बात सुनकर लड़ने वाले अंदाज
में कहता है कि बस दीदी नहीं जाना मुझे

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स्कूल में घर बैठकर पढ़ाई कर लेता हूं और
मुझे ज्यादा पट्टी ना पढ़ाओ और ना यह
कोशिश करें कि मैं घर से बाहर रहूं और ना
ही अब मुझे दोस्तों के साथ खेलने में
दिलचस्पी रही है मैं अब बड़ा हो गया हूं
और मैं घर के अबके साथ रहना चाहता हूं तो
बार-बार मुझे एक ही बात मत किया करो प्लीज
मैं अपने भाई की बातें सुनकर हैरान होती
और परेशान भी होने लगी थी क्योंकि वह अपनी
आदत फिरत और रूटीन से हटकर सारे काम कर
रहा था जबकि वह पहले ऐसा नहीं था वह अपनी
पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस था और
दिन-रात अपनी पढ़ाई के लिए बहुत मेहनत
करता था और अपने क्लासेस में वह सबसे
ज्यादा टॉपर बच्चा था और फिर स्कूल से आकर
थोड़ी देर आराम के बाद वह पास वाले पार्क
में चला जाता था और शाम तक अपने दोस्तों
के साथ खेलता था शुरू से मेरे छोटे भाई की
यही रूटीन रही थी और तो फिर अब इसको ऐसा
क्यों हो गया था कि वह दिन रात मेरे सिर
पर सवा रहने लगा था सिर्फ इतना ही नहीं
मैंने महसूस किया था वह घर बैठे मुझ पर ही
नजर रखता था और उसकी नजरें मुझे अंदर तक उ
उतरती महसूस होती थी वह जैसे मुझे अंदर तक

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छानबीन करना चाहता हो इसीलिए यह हरकत मुझे
परेशान कर रही थी और फिर जो काम उसने रात
को शुरू किया हुआ था अब तो उससे भी मुझे
घबराहट होने लगी थी मैं जब भी सोने की
तैयारी करती मेरा छोटा भाई मेरे कमरे में
आ जाता व मुझसे कहता कि मुझे आपके साथ
सोना है पहले तो मैं उसको छोटा बच्चा
समझकर पास सुलाती रही फिर मैंने महसूस
किया जब वह रात को मेरे पास आता था तो
उसकी हालत बहुत अजीब महसूस होती थी उसकी
आंखें लाल हुई रहती थी और अजीब तबीयत का
लगा रहता था और उसकी आंखों में भी कुछ अलग
ही महसूस होने लगा था और यह बात मुझे बहुत
परेशान करने लगी थी और जब भी मैं अपने भाई
से पूछती कि तुमको क्या हुआ है तुम्हारी
तबीयत ठीक नहीं लग रही मुझे वह कहता कि
नहीं दीदी मैं ठीक हूं बस दोस्तों के अस्त
बल में आ गया था वहां मैं घोड़ी का दूध पी
लिया था इसीलिए तबीयत थोड़ी अजीब हो गई थी
सुबह तक ठीक हो जाऊंगा तो मैं उसकी बात पर
बहुत हैरान होती और बोलती कि तुम पागल हो
तुम घोड़े का दूध क्यों पीने लगे हो जबकि
घर में गाय वाला दूध मौजूद है मत पिया करो
घोड़ी का दूध तो मेरा भाई कहता है कि कुछ
नहीं होता बस दोस्तों के साथ ऐसी मजाक में
पी लेता हूं घोड़ी का दूध इतनी बड़ी बात
नहीं है मेरा भाई तो इस बात को भी बहुत

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मामूली समझता था मगर यह बात मैं सुनकर मैं
बहुत हैरान हुई थी भला इसको क्या जरूरत
पड़ी थी कि वह घोड़ी का दूध पीने लगा था
और फिर उसकी आखिरी किस किस्म के लड़कों के
साथ दोस्ती हो गई थी कि वह घोड़ी का दूध
पीने लगा था और इस बात को बहुत मामूली
समझता था मगर मेरा भाई अब बड़ा हो रहा था
और मैं इसको किसी भी बात के लिए टोकता तो
वह बुरा मानते हुए मुझे लड़ना करने लगता
था इसीलिए मैं उसको ज्यादा कुछ नहीं कहती
थी मगर अब कुछ दिनों से उसकी रवैया बहुत
ज्यादा बदलने बदले से थे और फिर एक मैं
अपने छोटे भाई से बहुत डर गई थी जब आधी
रात को प्यास लगने की वजह से मेरी आंखें
खुली तो मैं देखकर हैरत में पड़ गई थी कि
मेरा छोटा भाई जाग रहा था और मुझे ही देख
रहा था उसका इस तरह मुझे घर-घर कर देखना
बहुत परेशानी में डाल गया था मैं अब अपने
भाई से बहुत घबराने लगी थी और फिर मैंने
उसको एक दिन बोल भी दिया कि तुम अब बड़े
हो रहे हो तो तुम अपने कमरे में सोया करो
मेरी बात सुनकर वह गुस्से से बोला ने लगा
ठीक है अगर मैं बड़ा हो गया हूं तो यह घर
छोड़कर ही चला जाता हूं फिर आपको मेरी तरफ
से कोई परेशानी नहीं होगी अपने छोटे भाई

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के मुंह से यह बातें सुनकर मैं कहां गई थी
फिर फौरन उसको बोला कि नहीं तुम घर छोड़ने
की बात मत करो अगर तुमको मेरे साथ ही सोना
है और मेरे साथ ही रहना है तो तुम वैसे ही
रहो मैं तुमको कुछ नहीं बोलूंगी बस यह घर
छोड़ने की बात कभी मत करना तो वह मेरी बात
पर चुप हो गया मगर मैं अब पूरी तरह से
परेशान रहने लगी थी मुझे उसकी हरकतें और
उसकी सोच बिल्कुल भी समझ नहीं आ रही थी कि
फिर वह क्या सोचने लगा था और किन कामों
में पड़ गया था कि जिनकी मुझे समझ भी नहीं
आ रही थी मगर उसकी हरकतें मुझे बहुत
ज्यादा अजीब लगने लगी थी अब मुझे अपने
छोटे भाई की नजरें बहुत परेशान करने लगी
थी दिन में काम करते हुए भी मुझे उसकी नजर
खुद पर गाड़ी हुई महसूस होती थी और वही
मेरे पीछे-पीछे ही रहता था और रात होने के
बाद जब मैं सोने वाली होती तब भी वह मेरे
कमरे में चला आता था और कहता था कि मैं
यहीं सोऊंगा मगर उसकी हालत अब मुझे बहुत
घबराहट में गिरफ्तार करने लगी थी अब मैं
भी रातों में सो नहीं पाती थी और वजह उसका
जागते रहना था मैं कभी भी समझ नहीं पाती
थी कि वह अगर मेरे साथ सोना चाहता तो उसको

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फिर सो जाना चाहिए था मगर वह जागता रहता
था और मुझ पर भी नजर रखता था उसका इस तरह
जाकर मुझे यूं जी भर कर देखना मुझे
परेशानी में डाल गया था फिर एक द एक रात
दो बार मेरी आंखें खुली तो यह देखकर मेरी
रूह काब गई क्योंकि मेरा छोटा भाई जाग रहा
था और मेरे बहुत करीब बैठा था मैं बहुत
घबरा गई थी और मेरे हाथों पैरों पर पसीना
आने लगा था मेरा सांस फूल रहा था जैसे
सीने में दबाव महसूस हो रहा था और मैं
बहुत कोशिश के बावजूद भी हरकत नहीं कर पा
रही थी और ना ही अपने भाई से कुछ भी पूछने
की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह जागता
क्यों रहता है और वह चाहता क्या है और
क्यों मुझे घूरता रहता है अब मैं बुरी तरह
घबराहट का शिकार हो गई थी और अपने भाई की

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वजह से मेरी भी नींद उड़ चुकी थी और मैं
भी दिन में भी आराम नहीं कर पाती थी मुझे
बहुत ज्यादा एहसास होने लग रहा था कि मेरा
भाई बहुत बदल गया है और यह बदलाव बहुत गलत
किस्म का था और गलत था कि कुछ है ऐसा जो
मेरी समझ से बाहर था अगर जो भी था वह बहुत
गलत था और फिर एक दिन मुझ पर अपने भाई की
इस हालत का राज खोला था जिसने मेरे रोंगटे
खड़े कर दिए थे और मैं जीने के काबिल भी
नहीं रही थी वह हकीकत जानकर मेरा दिल किया
था कि जमीन फटे और मैं उसमें समा जाऊं
इतनी बेइज्जती और इतनी घटिया हरकत सोच भी
नहीं सकती थी कि जो मेरा भाई ने की थी और
मेरे भाई की हरकत ने मुझे जीते जी ही मार
दिया था और मैं बहुत ज्यादा दुख और तकलीफ
में गड़क रह गई थी जो कुछ भी हुआ था वह
मेरे होश उड़ाने के लिए काफी था मैंने कभी
सोचा भी नहीं था जिंदगी कभी मुझ पर इस
मोड़ पर भी लाकर खड़ा करेगी कि बाद में

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खुद से नजरें मिलाने के लायक नहीं रहूंगी
और इतना दुख मिलकर दिल कर रहा था कि जिस
दुनिया से ही चली जाऊं और अपने छोटे भाई
का बिल्कुल एहसास ना करूं उस रात ने मेरी
जिंदगी बदल डाली थी जब एक रात तबीयत ठीक
ना होने की वजह से मैं जल्दी सो गई और तब
नींद में मुझे एहसास हुआ कि कोई झटके से
मेरा बिस्तर पर बैठा है मेरी आंख खुल गई
फिर उसने पहले की मैं कुछ समझ पाती मेरे
भाई ने मेरे ऊपर हम दो भी बहन भाई थे और
हमारी बदनसीबी के हमारे मां-बाप बहुत
जल्दी हमें इस दुनिया में अकेला छोड़ गए
थे. मैं इस वक्त 14 साल की लड़की थी और
मेरा भाई 8 साल का था जब एक रोज हमें
स्कूल भेजकर मां-बाप अपने किसी जानने वाले
के घर किसी के देहांत में गए थे और तब
वापसी आते हुए मेरे मां-बाप का बहुत बुरी
तरह से रोड एक्सीडेंट हुआ और वह दोनों
मौके पर ही मर गए थे मैं इस वक्त अपनी
क्लास में बैठी पढ़ रही थी जब मुझे
प्रिंसिपल ने बुलाया और यह खबर सुनाई थी
यह खबर मुझ पर बिजली की तरह गिर गई थी
मेरे तो जैसे दुनिया ही गुजर गई थी कि
मेरे इतने चाहने वाले मेरे मां-बाप इस
दुनिया से चले गए थे मैं अपने मां-बाप की
मौत पर बहुत रोई थी मेरे चीखने और तड़पने
की आवाज पूरे खानदान और मोहल्ले वालों को
रुला रही थी मगर मेरा छोटा भाई मेरे
मां-बाप के ध्यान से बहुत ज्यादा सोहो में
चला गया था और बुरी तरह सहम गया था जिसकी
वजह से इसकी हालत खराब होने लगी थी तब
मेरे सारे खानदान वालों ने जैसे-तैसे मेरे
भाई को रुलाया तो वह इतना रोया कि मेरा

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दिल फटने वाला हो गया था और मैं अपना काम
भूल गई थी उसकी उम्र ही क्या थी जिसमें
इसको मां-बाप की जुदाई सहनी पड़ गई थी और
वह भी ऐसे वक्त में जबकि मेरा भाई अभी तक
मां-बाप के साथ ही सोता था वह मां बाबा का
बहुत ज्यादा लाडला था इस वजह से अब मेरे
मां-बाप की मौत पर उसका बहुत बुरा हाल हो
गया था और फिर उसको दौड़े पड़ने लगे थे और
और यह बहुत खतरनाक बात थी हालांकि मेरे
चाचू ने इसको किसी अच्छे से डॉक्टर से चेक
करवा कर उसको नींद की दवाइयां देना शुरू
करवा दिया था और मेरा भाई ज्यादातर बेहोश
रहता था और उसकी कोई होश नहीं रहता था कि
घर में क्या हो रहा है और क्या नहीं हमारे
घर में दो पोषण बने हुए थे एक क्वेशन
हमारा था और एक मेरे चाचा का था चाचा के
दो ही बेटे थे और बेटा बेटी कोई भी नहीं
थी जिसकी वजह से चाचा मुझ पर बहुत ज्यादा
प्यार करते थे और अपनी बेटी का सारा शौक
मुझसे ही पूरा कराते थे और यही बात मेरी
चाची को बहुत बुरी लगती थी कि जाने उनको
मुझसे क्या नफरत थी कि जब भी मेरे चाचा
मेरे लाड़ उठाते तो उनको बहुत ज्यादा बुरा
लगता था और उनको लगता था कि मैं उनके
बच्चों का हक मार रही हूं जब मैं चाचा के
अलावा चाची की दोनों बेटों भी मुझसे बहुत
लगाव रखते थे और मेरे चाचा से बात करना
उनको भी बुरा नहीं लगता था मगर मेरी चाची
इन सब की वजह से मुझसे नफरत करने लगी थी

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मगर मेरी मां की वजह से कुछ कह नहीं पाती
थी क्योंकि मेरी मां उनके मुकाबले में
अमीर घराने की बेटी थी और गवर्नमेंट कॉलेज
की हेड भी थी यानी हर लिहाज में मेरी मां
का पलड़ा चाची से भारी था जिसकी वजह से
मेरी चाची मेरी मां से दबी हुई थी मगर मां
बाबा की देहांत के बाद उनको मौका मिल गया
था कि वह अपने दिल की भड़ास निकाले इसीलिए
जब भी चाची हमारी तरफ आते तो चाची भी पीछे
चली आती और मुझे खूब बातें सुनाती कि मैं
अब बच्ची नहीं हूं बड़ी हो गई हूं और अपना
और अपने भाई का ख्याल रखा करो और घर की
जिम्मेदारियां भी खुद उठाओ मुझे चाची की
बातें बहुत दुख देती थी और चाचा भी चाची
की बातों से बहुत तंग होते थे मगर कुछ कह
नहीं पाते थे क्योंकि फिर चाची बहुत अफसोस
करती थी और चाचा उनको कुछ भी नहीं कह सकते
थे कि वह उनकी पसंद की बीवी थी अभी मैं
अपने मां-बाप की मौत के सदमे से नहीं निकल
पाई थी कि मुझे अपने भाई की हालत के
साथ-साथ चाची की तकलीफ वाली बातें और रव
ने बुरी तरह तोड़क रख दिया था

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इसतपरन रात और मां बाबा को बहुत याद करती थी
कि उनकी जिंदगी में हम लोग कितनी अच्छी
जिंदगी गुजार रहे थे मगर अब अचानक से
हमारा तक्त ही पलट गया था और मुझे इस उम्र
में जिंदगी की कड़वी सच्चाई को झेलना पड़
रहा था मेरे चाचा भी हमारी वजह से बहुत
परेशान थे क्योंकि वह हम दोनों बहन भाई से
बहुत प्यार करते थे मगर चाची की वजह से वह
हम दोनों को वक्त नहीं दे पा रहे थे और
यही बात उनको बहुत तकलीफ देती थी कि उनके
बच्चों से हम दोनों छोटे थे मगर हालात की
मार ने हमें अकेला कर दिया था और अब हम
हार गए दिन चाची की नफरत बढ़ती जा रही थी
और फिर उस मसले का चाचा ने एक हल निकाला
और मेरा रिश्ता अपने छोटे बेटे के साथ तय
कर दिया मगर यह बात सुनते ही चाची ने बहुत
बवाल मचाया और चाचा ने बहुत लड़ाई की और
मुझे भी खूब गालिया दी और कहा कि यह
रिश्ता किसी हाल में नहीं होगा मगर जब
चाचा नहीं माने तो वह रूठ कर माइके चली गई
अब जब तक चाचा अपनी फैसले से पीछे नहीं
हटें और अपना पोजीशन सही कर कहीं और शिफ्ट
होने का वादा नहीं कर लेते वह वापस नहीं
आएंगी उनके जाने का चाचा पर बहुत बुरा असर
हुआ था क्योंकि वह अपनी बीवी से बहुत
प्यार करते थे और अब उनकी बीवी माई के जा
बैठी थी और माई के जाने से दोनों बेटे भी
बहुत परेशान हुए थे क्योंकि उनको भी मां
के बगैर रहने की आदत नहीं थी तब मजबूरन
चाचा ने चाची की बात करने का फैसला कर
लिया और मेरे मामा को बुलाकर उनकी निगरानी
में पूरा घर बिका कर हमारा हिस्सा मेरे
मामा को दे दिया और अपना हिस्सा लेकर अलग
घर खरीदकर वहां शिफ्ट हो गए मगर जाने से
पहले चाचा मामा की मौजूदगी में एक ऐसा
जैसा काम कर गए थे जिसका चाचा को पता नहीं
था बस वह इस काम से बहुत खुश थे कि उनकी
चाहत पूरी हो गई थी फिर चाचा के चले जाने
के बाद मेरे मामा ने अपने घर वाले इलाके
में हमारे लिए एक घर खरीदा और हम बहन भाई

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को वहीं शिफ्ट कर दिया उसके बाद मामा
तकरीबन रोज ही हमारे पास चक्कर लगाते थे
और हमारी हर जरूरत पूरी करते थे मगर मां
भी हमें अपने घर लेकर नहीं गए थे क्योंकि
चाचा की तरह उनकी बीवी भी हमें अपने साथ र
रखने को तैयार नहीं थी इतनी छोटी सी उम्र
में भी हम दोनों भाई-बहन को अकेले रहना
पड़ा था मगर मैं अब खुद को मजबूत बनाने की
पूरी कोशिश की थी ताकि अपने भाई को खुद
संभालूं और किसी की मदद ना लूं फिर मैं घर
में रहकर प्राइवेट पढ़ाई की और फिर बीए
किया और उसके बाद अपनी पढ़ाई को अलविदा कह
दिया अपने भाई की तरफ ध्यान देने लगी थी
दोरे वाली दवाइयां की वजह से मेरा भाई
अपना बचपन तकरीबन खो चुका था उसको बस मां
बाबा की थोड़ी सी बातें याद थी और वह सब
भूलता जा रहा था और और मैं भी यही चाहती
थी कि वह सब भूल जाए ताकि उसके दिमाग में
तकलीफ बिल्कुल भी ना रहे कि मां बाबा की
मौत के बाद चाचा की मजबूरी और चाची के
कड़वे लगाए इसको याद ना रहे और ना ही वह
दुखी हो बस मैं अपने भाई के दिमाग में यह
बात बैठा दी थी कि मां बाबा इसको डॉक्टर
बनाना चाहते थे तब मैं तब से मेरा छोटा
भाई अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा
सीरियस था क्योंकि इसको डॉक्टर बनना था और
हमें रुपए पैसे की कोई कमी नहीं थी
क्योंकि मां बाबा की जॉब की वजह से उनकी
पेंशन हमें मिलती थी और फिर बाबा ने हमारे
लिए मार्केट में पांच दुकानें लेकर किराए
पर चढ़ा रखी थी तो इन सब का इतना पैसा आ
जाता था कि हमारा घर बहुत आराम से चल रहा
था पर हमें किसी के मोहताज होने की जरूरत

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नहीं थी और फिर गुजरते वक्त के साथ
धीरे-धीरे मामा ने भी हमारे पास चक्कर
लगाना छोड़ दिया था मगर अब मैं अकेले अपने
घर को चलाने में माहिर हो चुकी थी और किसी
के ना होने से मुझे कोई भी फर्क नहीं
पड़ता था हम अगर अपनों के होते हुए भी
अकेले रहना मुझे बहुत दुख दे रहा था वक्त
का काम है गुजर जाना और वह गुजर ही रहा था
मुझे भी धीरे-धीरे हर काम की आदत हो गई थी
और कभी किसी चीज का मसला नहीं हुआ था
मैंने अपना ध्यान अपने छोटे भाई पर लगा
दिया था पर अब मुझे वक्त से मेरा भाई बहुत
बदलता हुआ सा महसूस होने लगा था और पढ़ाई
का बहुत शौकीन मेरा छोटा भाई पढ़ाई से भी
जी चुराने लगा था और तो और उसने अपने
दोस्तों के साथ खेलना भी छोड़ दिया था और
जब मैं उससे पूछने की कोशिश की तो उसने
मुझसे बदतमीजी की और कहा कि वह अपनी मर्जी
से रह ना चाहता है और मैं उसके मामलों में
ना बोलूं मुझे उसकी ऐसी बातों से बहुत दुख
हुआ और हैरानी हुई क्योंकि वह ऐसा बिल्कुल
भी नहीं था बल्कि मेरी हर बात बहुत इज्जत
से सुनता था और मानता भी था मगर वह मुझे
जवाब देने लगा था और सिर्फ इतना ही नहीं
वह रात के मेरे पास सोने की जिद करता था
मगर मैंने महसूस किया कि इसकी हालत अजीब
होती थी और वह सोता नहीं था और जब मैं
पूछती तो वह कहता कि घोड़ी का दूध पिया है
इसीलिए ऐसी तबीयत हो रही है मगर उसकी हालत
और हरकतों ने मुझे बुरी तरह परेशान और
घबराहट में उलझा दिया था और मैं अपने छोटे
भाई के ऐसे बदलाव से बहुत डरी हुई रहने
लगी थी और फिर एक रात को मेरे भाई ने मुझ
पर कयामत गिरा दी जब एक रोज तबीयत खराब
होने की वजह से मैं जल्दी सो गई थी तभी
मुझे नींद में महसूस हुआ कि कोई मेरे
बिस्तर पर बैठा है तो मेरी आंख खुल गई और
मैंने अपने भाई को अपनी बहुत करीब बैठा
देखकर मेरी घबराहट और डर से आंखें खुली की
खुली रह गई और उस उससे पहले कि मैं कुछ
कहती मेरे भाई ने मेरे ऊपर थप्पड़ की बो
छार कर दी थी और साथ-साथ रोए जा रहा था और
बोलता जा रहा था कि इससे अच्छा था आप भी
मां बाबा के साथ मर जाती कम से कम आपकी

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वजह से मुझे इतनी जिल्लत ना उठानी पड़ती
मैं अचानक से इसकी हरकत में से बोखला कर
रह गई थी और अपने भाई की हरकत और बातों ने
मुझे बहुत हैरानी में डाल दिया था मगर यह
सब क्यों कह रहा था और अपनी बड़ी मां जैसी
बहन पर इसने हाथ क्यों उठाया था तब मैं
बड़ी मुश्किल से इसको रोका और झटके से खुद
से दूर किया और गुस्से से चीक कर बोली कि
क्या बदतमीजी है तुम होश में तो हो
तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझ पर हाथ
उठाने की और यह क्या बकवास बाजी कर रहे हो
मतलब क्या है तुम्हारी इस बात का तो मेरी
बात पर मेरा छोटा भाई नफरत से बोला कि हां
मैं पूरे होश में हूं और आपकी वजह से मेरी
जिंदगी बर्बाद हो गई है आपकी वजह से मुझे
लोगों की बातें सुननी पड़ती हैं आपकी वजह
से मेरे दोस्तों ने मुझसे दोस्ती तोड़ दी
है मैं कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं
रहा मैं इसकी बात सुनकर हैरत में रह गई थी
मुझे समझ नहीं आया था कि वह ऐसा क्या कह
रहा था तब मैंने उसके हाथ में और उसको कहा
कि मुझे खुलकर बताओ तुम क्या कह रहे हो तब
वह रोते हुए कहने लगा कि कुछ दिनों से लोग
मुझे देखकर इशारे बाजी करते हैं और मुझ पर
बातें करते हैं मगर मैं नहीं समझा कि यह
लोग आखिर क्यों कर रहे हैं यह सब और फिर
एक रोज जब मैं दोस्तों के साथ खेलने गया
तो मेरे दोस्तों की मां ने मुझे यह कहकर
भगा दिया कि तुम चरित्रहीन बहन के भाई हो
और तुमसे दोस्ती करके हमारे लड़के खराब हो
जाएंगे क्योंकि तुम्हारी बहन से कोई लड़का
अकेले में मिलने आता है और जब तुम स्कूल
और खेल के मैदान में होते हो वह लड़का तब
तुम लोगों के घर आता है और तुम्हारी बहन
के साथ अकेले घर में वक्त गुजारता है और
अब आपकी वजह से मोहल्ले के आवारा लड़के भी
मुझे परेशान करने लगे हैं

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मेरा सुकून
बर्बाद होकर रह गया है ना मैं स्कूल में
जा सकता हूं और ना ही खेलने और यह सब आपकी
वजह से हुआ है बताइए मुझे कौन है वह तब
अपने भाई की बात पर मुझे जिल्लत हुई मैंने
कहा कि मैं अपने भाई के लिए क्या कुछ किया
था और एक वह है जो मेरे साथ यह सब कर रहा
था मगर मैंने उसको कुछ भी नहीं कहा और
उसके सामने पहली बार चाचा और मामा को कॉल
मिलाई थी और उनको भी सारी हकीकत बताई चाचा
और फिर मामा को सुनकर मेरा भाई हैरान हुआ
कि हमारी कोई रिश्तेदारी भी है क्योंकि अब
कुछ वक्त से वह अपनी फैमिली के साथ बाहर
के मुल्क जा चुके थे और चाचा चाची की वजह
से हमारे घर नहीं आते थे इसलिए मेरा भाई
उनके बारे में कुछ नहीं जानता था फिर मेरे
चाचा ने मेरे भाई से बात की और कहा कि वह
लड़का मेरा बेटा है और तुम्हारी बहन का
पति है अलग घर में जाने से पहले मैंने
उनकी शादी करवा दी थी और अपनी बेटी को
जिम्मेदारी दी थी कि वह तुम पर दोनों को
अकेला ना छोड़े और तुम लोगों के पास चक्कर
लगाया करें और तुम्हें इसीलिए नहीं पता था
कि मां बाबा की मौत के बाद तुम्हारी हालत
खराब थी और तुम्हारी दिमाग सुकून करने के
लिए तुमको दवाइयां दी गई थी और इस वजह से
तुम सबको भूल चुके थे और तुम्हारी बहन
चाहती थी कि जब तक तुम्हारा मेडिकल में
एडमिशन नहीं हो जाता तब तक तुम्हें किसी
बात के बारे में ना बताया जाए इसीलिए तुम
इन सब से अंजाम थे अब अपनी दीदी से माफी
मांगो जिससे तुम्हारी खातिर अपने आप को भी
बुला दिया और शादी का नाम भी नहीं ले रही
थी कि तुम पढ़ाई पूरी कर लो और तुमने
लोगों की बात सुनकर अपनी बहन से कुछ नहीं
पूछा और उसके साथ इतना गलत किया चाचा की
बात सुनकर मेरा भाई बहुत शर्मिंदा हुआ और
मुझसे माफी मांगने लगा मगर मैं बहुत
ज्यादा दुखी हुई थी और मैंने इसको कमरे से
निकाल दिया कि अभी मुझ में हौसला नहीं था
कि इसको कुछ कहती या माफ करती अभी मुझे
कुछ वक्त लगा था इस तकलीफ से निकलने के
लिए मगर मैं जानती थी कि मेरी ज्यादा देर
तक किसी से नाराज नहीं रह सकती थी यह तो
फिर भी मेरा भाई था मगर कभी-कभी हमें भी
कुछ वक्त चाहिए होता है पुरानी बातों को
भूलकर आगे बढ़ने के लिए मैं भी अपने आप को
वक्त देना चाहती थी फिर वक्त के साथ-साथ
मैंने अपने भाई को माफ कर दिया था और अब
मैं अपने पति के साथ और अपने भाई के साथ
एक ही घर में रहने लगी थी और चाचा को भी
यह बात पता चल गई थी चाचा ने मेरी शादी
अपने बेटे से कर दी थी और चाची ने भी मुझे
स्वीकार कर लिया था