मेरठ।जिन पर अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी है, वही अपराधी बन रहे हैं। मेरठ के कंकरखेड़ा में तैनात दो पुलिसकर्मी और वकील मिलकर राजस्थान में गिरोह चला रहे थे। राजस्थान के झुंझुनू जिले की बिसाऊ थाना पुलिस ने अपहरण कर लूट करने वाला छह सदस्यीय गिरोह पकड़ा है। मेरठ पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल रिंकू सिंह गुर्जर और भावनपुर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल अमित खटाना गिरोह को चला रहे थे। कंकरखेड़ा निवासी वकील आकाश शर्मा भी गिरोह का सदस्य है।
इन्होंने खुद को यूपी की एसओजी टीम का अफसर बताकर फेरी लगाकर कपड़े बेचने वाले दंपती समेत चार लोगों का अपहरण किया था। ये पांच लाख रुपये लेने की फिराक में थे, लेकिन इससे पहले राजस्थान पुलिस ने गिरोह दबोच लिया। इनके पास से एक हथकड़ी, दो गन और होलस्टर कवर मिले हैं। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
राजस्थान पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी दुजाना बादलपुर गौतमबुद्धनगर निवासी रिंकू सिंह गुर्जर (32), कुतुबशेर सहारनपुर निवासी अमित कुमार खटाना (38), नई दिल्ली निवासी अनुज नागर (28), विजय नगर गाजियाबाद निवासी मीनू रानी (27), हासपुर हापुड़ निवासी मुनकाद (55) व कंकरखेड़ा निवासी आकाश (28) हैं।
दंपती को जबरन अपनी गाड़ी बैठाया, पुलिस के रोकने पर भी नहीं रोकी कार
आरोपियों ने बुधवार को चूरू से झुंझुनूं आ रही रोडवेज बस में बैठे बुलंदशहर निवासी जखिया, उनकी पत्नी नाजरीन, साथ काम करने वाले आरिफ व दोजी को खासोली बालाजी धाम के पास बस रुकवाकर जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया। बस में सवार किसी यात्री ने इसकी सूचना बिसाऊ पुलिस को दे दी। पुलिस ने गांगियासर तिराहे पर नाकाबंदी कराई।
इसी दौरान यूपी नंबर की लाल रंग की कार आई। पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन कार बैरिकेड्स तोड़ते हुए निकल गई। इस बीच आरोपियों ने आरिफ व दोजी को कार से उतार दिया। पीछा कर रही पुलिस ने गाड़ी आगे लगाकर आरोपियों की कार रुकवा ली और गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों का चालान कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
यह गिरोह जखिया, उसकी पत्नी व फेरी लगाकर कपड़े बेचने वालों को एसओजी के नाम पर धमकाकर 5 लाख लेना चाहता था। मुनकाद को जानकारी थी कि जखिया के पास रुपये हैं। उसने रिंकू व अन्य को बताया।
चूरू से जब जखिया व साथी रोडवेज बस में बैठे तो इन्होंने मीनू व आकाश को बस में बैठा दिया। अन्य आरोपियों ने अपनी कार से पीछा किया। कुछ समय बाद ही चोरी का आरोप लगाते हुए बस रुकवा ली और इन्हें नीचे उतार लिया। पीछे आ रही कार में जबरन बैठाया।