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समय पुराना था, घर की बेटी, पूरे गाँव की बेटी होती थी…आज की बेटी पड़ोसी से ही असुरक्षित हैं…!…by-अंगद अग्रहरि
Anand Agrahari ============= समय पुराना था 🩸तन ढँकने को कपड़े न थे, फिर भी लोग तन ढँकने का प्रयास करते थे …! आज कपड़ों के भंडार हैं, फिर भी तन दिखाने का प्रयास करते हैं समाज सभ्य जो हो गया हैं । 🩸समय पुराना था, आवागमन के साधन कम थे। फिर भी लोग परिजनों से […]
कभी तक़दीर का मातम कभी दुनियाँ से गिला
मधुसूदन उपाध्याय =============== कभी तकदीर का मातम कभी दुनियाँ से गिला _____________________________________ इस शीर्षक से शकील बंदायूनी की एक गजल के एक मकते को आधार बना कर यह लिख रहा हूँ। शुद्ध मन से तथा ईश्वर को साक्षी रखकर । जो लोग भाग्य नहीं मानते उनके लिए यह सब कुछ एक बार सोचने का विषय […]
*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳**💐💐वो सुनो जो ना कहा गया हो💐💐*By-Satyavir Singh Bhuria
Satyavir Singh Bhuria ============= *🌳🦚आज की कहानी🦚🌳* *💐💐वो सुनो जो ना कहा गया हो💐💐* बहुत समय पहले की बात है,नयासर के एक राजा ने अपने बेटे को अच्छा शासक बनाने के मकसद से एक मास्टर के पास भेजा। मास्टर ने कुछ दिन अपने साथ रखने के बाद युवराज गुर्वित को एक साल के लिए जंगल […]