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#poetessprachimishra : कवित्री प्राची मिश्रा की रचनायें पढ़िये, जो आज है वो कल नहीं होगा और जो कल था…
Prachi Mishra Bangalore, India From Satna ================ नैनों के धारे धारे पर कुछ ऐसा बंधन लिख डाला बह निकला जो आंसू बनकर कुछ ऐसा संगम लिख डाला तुम दूर रहो या पास रहो बनकर जोगन की आस रहो महके जो सांसों में प्रति क्षण कुछ ऐसा चंदन लिख डाला © प्राची मिश्रा #poetessprachimishra Prachi Mishra […]
बड़े ही दिनों से इसे ढूंढ़ रही थी लेकिन ये मेरे जानने वाले किसी के घर नहीं था….अरूणिमा सिंह
अरूणिमा सिंह ============= · बड़े ही दिनों से इसे ढूंढ़ रही थी लेकिन ये मेरे जानने वाले किसी के घर नहीं था। आज जाकर फेसबुक पर मिल गया। ये ढेका है। ये वही उपकरण है जिससे धान से चावल बनते थे। फिर धनकुट्टी मशीन आयी और इनकी जरूरत खत्म हो गयी और ये सबके घर […]
तेरी यादों का धुआं उठ रहा, दिल भी जैसे ख़ामोश कोई समुंदर है!!!!
तेरी यादों का धुआं उठ रहा, दिल भी जैसे ख़ामोश कोई समुंदर है, कुछ भूल गए कुछ याद रहा, देखो आया फिर वही बेदर्द दिसंबर है। मौसम भी बदलते हैं धीरे से, तुम हवाओं से भी तेज़ बदल गई, हैरान सा मैं कुछ ना समझ सका, ज़हन में ताज़ा अब भी वो मंज़र है। डूबने […]