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तीन क़िस्से भूतों के….खाना, कपड़ा, घर की भूतों को ज़रूरत होती नहीं थी, इसलिए उन्हें…!
Kavita Krishnapallavi ============== तीन किस्से भूतों के…. (किस्से तो मेरे पास भूतों के भी बहुत हैं ! अब इस भुतहे माहौल में भूतों से कोई क्या डरेगा भला ! बल्कि भूत आजकल ज्यादा डरे-डरे रहते हैं उनसे जिन्होंने देश को इस क़दर श्मशान बना डाला है कि श्मशान ज्यादा सुकूनतलब जगह लगने लगा है ! […]
ज्योति हाट बाज़ार से सब्ज़ी ख़रीद कर घर लौटी तो देखा….
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =================== स्पेशल पोस्ट फोर ज्योति गर्ग….!! Jyoti Garg ज्योति हाट बाजार से सब्जी खरीद कर घर लौटी तो देखा घर में काफी शांति पसरी हुई थी। दोनों बच्चे चुपचाप बरामदे में बैठे अपनी पढ़ाई कर रहे थे। रोज धमा चौकड़ी मचाने वाले उसके पाँच और तेरह साल के बेटे चुपचाप बैठकर पढ़ाई […]
“बानो”/उर्दू उपन्यास : बंटवारे की सरहद पार की त्रासदी
Satya Vyas ============ “बानो”/उर्दू उपन्यास बंटवारे की सरहद पार की त्रासदी ————— ———— ——— रजिया बट्ट लिखित उपन्यास “बानो” की शुरुआत सन 1952 में हसन और राबिया के सालों बाद की मुलाकात से होती है। हसन बारह साल की छोटी लड़की की जगह सत्रह साल की पुरकशिश राबिया को देखकर हैरान होता है। राबिया, हसन […]