साहित्य

मिल गई फुर्सत घर आने की…हेमलता गुप्ता स्वरचित

मिल गई फुर्सत घर आने की, अरे घर में है कौन तुम्हारे लिए, बाहर जाओ घूमो फिरों मटरगश्ती करो और हां …मैंने खिचड़ी बनाकर रख दी है गर्म करके खा लेना और सारे बर्तन और रसोई को साफ कर देना, मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर जा रही हूं। सुनो ना.. टीना, आज मेरा एक दोस्त भी आया है साथ में, हां तो क्या करूं.. यह घर है कोई होटल नहीं है खाना हो तो खाओ नहीं बाहर जाओ, तुम्हारी नौकरानी नहीं हूं मैं, और ऐसा कहकर टीना दमदमाती हुई अमित के दोस्त को अनदेखा कर घर से बाहर चली गई। अमित को शर्मिंदा होता देख उसके दोस्त निहाल ने पूछा… यार टीना भाभी हमेशा इसी तरह से बात करती है तुझ से, तू इतनी बड़ी कंपनी में अच्छे पद पर है और घर में तेरी यह औकात। तू कुछ कहता क्यों नहीं है.. एक दो बार मैंने कोशिश की थी टीना को समझाने की, किंतु वह छोटी सी बात पर रो-रो के पूरे मोहल्ले को बुला लेती है और सड़क पर हंगामा करती है, मुझे हर छोटी बात पर पुलिस की धमकी देती है, मैं इसके हर काम में इसकी मदद करता हूं यहां तक की आए दिन इसको बाहर ले जाने के लिए भी कहता हूं, पर यह कहती है.. तुम्हारे साथ जाने से अच्छा है में घर में ही रहूं। इसको मेरे साथ जाने से शर्म आती है। मैं क्या करूं.. और कहते कहते अमित रो पड़ा। आज उसका सारा दुख अपने दोस्त के सामने बाहर निकल आया। सुन मेरे भाई, ऐसे कब तक प्रताड़ित होता रहेगा, कोई ना कोई ठोस कदम तो तुझे उठाना ही पड़ेगा। चल हम पुलिस में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हैं। अरे नहीं नहीं.. तू यह क्या कह रहा है पत्नी है वह मेरी, और फिर लोग क्या सोचेंगे की पति होकर पत्नी से डरता है ,?अरे गए वह जमाने तू किस जमाने में जी रहा है, ऐसे ही अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेगा। तुझे पता है ना सीधे का मुंह कुत्ता चांटे , तेरे इसी सीधेपन का यह फायदा उठा रही है, तू क्यों सहन करता है , एक बार आवाज उठाकर तो देख ,अगर ऐसे ही तेरा हाल रहा तो मेरे दोस्त तो तू कहीं का नहीं रहेगा। हां यार.. तू सही कह रहा है अपना आत्मसम्मान बचाने के लिए मुझे कुछ ना कुछ कदम तो उठाना ही पड़ेगा। अगले दिन जैसे ही टीना ने उस पर चिल्लाना शुरू किया अमित दुगनी गति से उसके ऊपर चिल्लाया बोला… खबरदार टीना तुमने बहुत अत्याचार कर लिया मेरे ऊपर, अब मैं सहन नहीं करने वाला, अगर तुम्हें मेरे साथ रहने में शर्म आती है तो तुम घर से जा सकती हो। यह घर मेरा है। टीना उसका ऐसा बदलाव देखकर सहम गई और कुछ दिनों बाद उनकी गिनती एक आदर्श पति पत्नी के रूप में होने लगी।

हेमलता गुप्ता स्वरचित