Related Articles
ये हमारी देशी अंजीर यानि गूलर है
अरूणिमा सिंह ============ · न न न! ये दिख जरूर रहा है लेकिन अंजीर नहीं है। ये हमारी देशी अंजीर यानि गूलर है। ये ऐसा पेड़ व फल है जिसके फूल नहीं खिलते है सीधा फल ही लगता है। हमारे यहां कहते है कि यदि कोई गूलर का फूल देख ले या पा जाये तो […]
मेरी बात…मैं इन नज़ारों का अंधा तमाशबीन नहीं…बनभूलपुरा
Apoorva Apoorva ============ मेरी बात मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं उत्तराखण्ड को हम उत्तराखण्डी बड़े अभिमान के साथ देवभूमि कह पुकारते हैं। असल में यह देवभूमि कम त्रासदियों की भूमि ज्यादा है। वर्ष दर वर्ष यहां कभी कथित दैवीय आपदाओं का साया रहता है तो कभी मनुष्य जनित का। दैवीय आपदा भी दरअसल […]
जानवरों की 50 से ज़यादा प्रजातियां हैं जो आपस में बोल कर संवाद करती हैं, कछुए और मछलियों आपस में बोल कर संवाद करती हैं : रिसर्च रिपोर्ट
वैज्ञानिकों ने अब तक मूक समझे जाने वाले कुछ जानवरों की बोली और बातचीत रिकॉर्ड की है. कछुए और मछलियों जैसे कुछ जीवों की प्रजातियां आपस में बोल कर संवाद करती हैं. इन्हें यह खूबी करोड़ों साल पहले के साझे पूर्वज से मिली है. जानवरों की कम से कम 50 से ज्यादा ऐसी प्रजातियां हैं […]