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मारे जाने वाले जब मुसलमान होते हैं तो राष्ट्रसंघ और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठन अंधे हो जाते हैं : अर्दोग़ान

रजब तय्यब अर्दोग़ान ने कहा कि गज्ज़ा फिलिस्तीनी राष्ट्र की ज़मीन है और अमेरिका को चाहिये कि वह इस वास्तविकता को स्वीकार करे। इसी प्रकार उन्होंने बल देकर कहा कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का यह दृष्टिकोण है कि गज्जा फिलिस्तीनी राष्ट्र की ज़मीन नहीं है बल्कि कालोनियों में रहने वाले अतिग्रहणकारियों की ज़मीन है तो हमारे साथ सहमति की कोई संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस्राईल शरणार्थी शिविरों, अस्पतालों, स्कूलों, मस्जिदों और गिरजाघरों पर हमला करके विश्ववासियों के सामने युद्धापराध कर रहा है और पश्चिमी देश इस्राईल की समस्त पाश्विकता का मूक दर्शक बने हुए हैं। तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने कहा कि हम एक बार फिर इस बात के साक्षी हैं कि कुर्बानी होने और मारे जाने वाले जब मुसलमान होते हैं तो राष्ट्रसंघ और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठन अंधे हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि तुर्किये समस्या के समाधान के लिए उपयोगी प्रस्ताव देता है क्योंकि क्षेत्र की समस्याओं और संकटों के समाधान के लिए वह महत्वपूर्ण देश है। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जो व्यवस्था बनी थी उसे अपडेट करना ज़रूरी है, सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनने और राष्ट्रसंघ में वीटो का अधिकार परिवर्तित होना चाहिये। उन्होंने कहा कि यद्यपि विभिन्न साम्राज्यवादी सरकारें अपने हितों के कारण इस्राईल से निकट हैं परंतु विश्व समुदाय की दृष्टि से इस्राईल इस समय बच्चों का हत्यारा है।

तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा कि वे हमसे कहते हैं कि हमास को एक आतंकवादी गुट कहूं हमास एक आतंकवादी गुट नहीं है वे एसे लोग हैं जो अपनी भूमि की आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि युद्धरत पक्षों सहित समस्त क्षेत्रीय पक्षों की उपस्थिति से एक बैठक गठित की जाये और इससे बेहतर संकट के समाधान का कोई दूसरा मार्ग नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और पश्चिम मानवाधिकार की रक्षा के दावेदार हैं परंतु खेद के साथ कहना पड़ता है कि वे इस्राईल के कृत्यों को भूल गये हैं।

उन्होंने कहा कि गज्जा में जो कुछ हो रहा है उसे ज़बान से नहीं बयान किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस्राईल बच्चों, महिलाओं और निर्दोष लोगों की हत्या करके सात अक्तूबर की घटना का प्रतिशोध लेना चाहता है। उन्होंने कहा कि गज्जा पट्टी और पश्चिमी किनारे के 73 प्रतिशत शहीद बच्चे और महिलायें हैं और इस पागलपन को नहीं समझा जा सकता। तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिमी देशों ने युद्धविराम की बात भी नहीं की, इस्राईल के हथियारों के बारे में जांच की जानी चाहिये और वह युद्ध के दुष्परिणामों की ज़िम्मेदारी कबूल करे।

उन्होंने कहा कि पूरी तरह युद्ध विराम होना चाहिये, अस्थाई और कुछ समय के लिए नहीं, मानवता विरोधी अपराधों के कारण इस्राईल के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिये और मानवाधिकार परिषद और अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों में इस काम को अंजाम दिया जाना चाहिये। जानकार हल्कों का मानना है कि अमेरिका, पश्चिमी व यूरोपीय देश जिस तरह से आंख मूंद कर इस्राईल का समर्थन कर रहे हैं उससे दुनिया के उन लोगों की आंखों पर पड़ी पट्टी खुल गयी है जो अब तक इन देशों को मानवाधिकारों का रक्षक समझते थे।

यह वही अमेरिका है जो एक तरफ मानवाधिकारों की रक्षा का राग अलापता है और दूसरी ओर फिलिस्तीनी बच्चों, महिलाओं और निर्दोष लोगों के नरसंहार के लिए इस्राईल को प्रतिबंधित फास्फोरस बम सहित दूसरे हथियार देता है और बड़ी निर्लज्जता के साथ कहता है कि इस्राईल को जिस हथियार की ज़रूरत है हम उसे देने के लिए तैयार हैं।

इस्राईल बच्चों का हत्यारा बन गया है, अमेरिका स्वीकार करे कि ग़ज़्ज़ा फ़िलिस्तीनियों की ज़मीन हैः अर्दोग़ान

तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा है कि विभिन्न समाजों की दृष्टि से इस्राईल बच्चों का हत्यारा बन गया है।

समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार रजब तय्यब अर्दोग़ान ने कहा कि गज्ज़ा फिलिस्तीनी राष्ट्र की ज़मीन है और अमेरिका को चाहिये कि वह इस वास्तविकता को स्वीकार करे। इसी प्रकार उन्होंने बल देकर कहा कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का यह दृष्टिकोण है कि गज्जा फिलिस्तीनी राष्ट्र की ज़मीन नहीं है बल्कि कालोनियों में रहने वाले अतिग्रहणकारियों की ज़मीन है तो हमारे साथ सहमति की कोई संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस्राईल शरणार्थी शिविरों, अस्पतालों, स्कूलों, मस्जिदों और गिरजाघरों पर हमला करके विश्ववासियों के सामने युद्धापराध कर रहा है और पश्चिमी देश इस्राईल की समस्त पाश्विकता का मूक दर्शक बने हुए हैं। तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने कहा कि हम एक बार फिर इस बात के साक्षी हैं कि कुर्बानी होने और मारे जाने वाले जब मुसलमान होते हैं तो राष्ट्रसंघ और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठन अंधे हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि तुर्किये समस्या के समाधान के लिए उपयोगी प्रस्ताव देता है क्योंकि क्षेत्र की समस्याओं और संकटों के समाधान के लिए वह महत्वपूर्ण देश है। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जो व्यवस्था बनी थी उसे अपडेट करना ज़रूरी है, सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनने और राष्ट्रसंघ में वीटो का अधिकार परिवर्तित होना चाहिये।

उन्होंने कहा कि यद्यपि विभिन्न साम्राज्यवादी सरकारें अपने हितों के कारण इस्राईल से निकट हैं परंतु विश्व समुदाय की दृष्टि से इस्राईल इस समय बच्चों का हत्यारा है। तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा कि वे हमसे कहते हैं कि हमास को एक आतंकवादी गुट कहूं हमास एक आतंकवादी गुट नहीं है वे एसे लोग हैं जो अपनी भूमि की आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं।

हमास अपनी मातृभूमि की आज़ादी के लिए लड़ रहा हैः तुर्किये

तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने कहा है कि हमास अपनी मातृभूमि की रक्षा और उसकी आज़ादी के लिए लड़ रहा है।

उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी रियाज़ में इस्लामी देशों के सहयोग संगठन ओआईसी की आपात बैठक से वापसी के बाद हमास को आतंकवादी गुट कहने पर आधारित पश्चिमी देशों के दावों को रद्द कर दिया और फिलिस्तीन समस्या के समाधान के संबंध में राष्ट्रसंघ, सुरक्षा परिषद और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की अनुपयोगिता की आलोचना की और राष्ट्रसंघ के ढांचे में सुधार की मांग की।

उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरी दुनिया और लोगों के जीवन को वीटो का अधिकार रखने वाले पांचों के हवाले नहीं किया जा सकता और सुरक्षा परिषद में सदस्यता की व्यवस्था और वीटो के अधिकार को परिवर्तित किया जाना चाहिये। इसी प्रकार तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा कि गज्जा पट्टी फिलिस्तीनियों से संबंधित है न कि अतिग्रहणकारी जायोनियों से।

उन्होंने विश्व समुदाय का आह्वान किया कि गज्जा में जायोनी सरकार के अपराधों और हत्याओं के खिलाफ कार्यवाही करे। तुर्किये के राष्ट्रपति ने इस्राईल को बच्चों की हत्यारी सरकार का नाम दिया और उसने शरणार्थी शिविरों, बेघर लोगों, मस्जिदों, गिरजाघरों और अस्पतालों पर बमबारी करके युद्धापराध किया है।

तुर्किये के राष्ट्रपति ने ओआईसी की बैठक की समाप्ति पर जारी किये जाने वाले संयुक्त बयान के बारे में कहा कि इस बयान में बहुत सी नई बातें व बिन्दु हैं और उनमें से एक यह है कि इस बयान में जायोनी कालोनियों में रहने वालों को आतंकवादी कहा गया है। तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे क्षेत्र को तुरंत उन देशों से आज़ाद व मुक्त होना चाहिये जो दसियों हथियार किलोमीटर दूर से हमारे क्षेत्र में आये हैं और यहां वे शक्तिशाली होना चाहते हैं।