सेहत

मारबर्ग वायरस का ख़तरा बढ़ता जा रहा है, कोरोना से ख़तरनाक़ होते हैं इसके लक्षण!!रिपोर्ट!!

वैश्विक स्तर पर जारी कोरोना महामारी और मंकीपॉक्स संक्रमण के खतरे के बीच अफ्रीकी देशों में इन दिनों मारबर्ग वायरस के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ता देखा जा रहा है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफ्रीकी देश रवांडा में अब तक 26 मामलों की पुष्टि हुई है, साथ ही इस रोग से छह लोगों की मौत भी हो चुकी है। ज्यादातर संक्रमितों में गंभीर स्तर वाले लक्षण देखे जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस बढ़ते संक्रामक रोग के जोखिमों को देखते हुए सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है।

अध्ययनकर्ता बताते हैं, मारबर्ग वायरस की प्रकृति ऐसी है जो इसे कई मामलों में काफी खतरनाक बनाती है। ये अत्यंत संक्रामक तो है ही साथ ही इसकी मृत्युदर भी काफी अधिक देखी जाती रही है जिसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ अलर्ट करते हैं।

क्या पूरी दुनिया पर कोविड-19 से भी खतरनाक संक्रामक रोग का खतरा मंडरा रहा है? क्या हम सभी एक और महामारी की चपेट में आने वाले हैं? आइए समझते हैं।

पहले भी देखा जाता रहा है इसका प्रकोप

ऐसा नहीं है कि मारबर्ग पहली बार स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा रहा है। साल 2003 से लेकर समय-समय पर इसका प्रकोप देखा जाता रहा है। फरवरी 2023 में इक्वेटोरियल गिनी में इस वायरस के कारण 16 लोगों में संक्रमण और 12 मौतें हुईं थीं। साल 2012 में यूगांडा में 15 लोगों को संक्रमित पाया गया और चार लोगों की मौत हुई। नियमित अंतराल पर वायरस में म्यूटेशन और इसके कारण संक्रमण बढ़ने के मामले सामने आते रहे हैं।

अफ्रीकी देशों, विशेषतौर पर रवांडा में ये वायरस एक बार फिर से प्रकोप का कारण बन रहा है।

मारबर्ग वायरस और इसके जोखिमों को जानिए

मारबर्ग वायरस के कारण होने वाले रोग को काफी घातक माना जाता है। अफ्रीका के कुछ हिस्सों में इसका प्रकोप होता रहा है। संक्रमित चमगादड़ों के माध्यम से या संक्रमित व्यक्ति के शिकार के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से इसका संक्रमण होता है।

मारबर्ग को वायरल रक्तस्रावी बुखार भी माना जाता है। ये वायरस रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और रक्तस्राव का कारण बनता है। यही कारण है कि इसे काफी खतरनाक माना जाता रहा है।

कोरोना से खतरनाक होते हैं इसके लक्षण

कई वजहों से मारबर्ग वायरस और इसके कारण होने वाले रोग को कोरोना संक्रमण से भी खतरनाक माना जाता है। वैसे तो इसके लक्षण फ्लू और कोरोना की ही तरह से शुरू होते हैं पर समय पर सहायक उपचार न मिल पाने के कारण इसके गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक हो सकता है।

संक्रमण की शुरुआत में बुखार, ठंड लगने, तेज सिरदर्द-खांसी, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, गले में खराश जैसी दिक्कतें होती हैं। संक्रमण की गंभीरता बढ़ने के साथ उल्टी-दस्त, नाक-मुंह, आंख से खून आने, त्वचा पर छाले या दाने होने की समस्या हो सकती है।

मृत्युदर सबसे बड़ी चिंता

कोरोना और हाल फिलहाल में फैले कई अन्य संक्रामक रोगों की तुलना में मारबर्ग वायरस को अधिक खतरनाक माना जाता रहा है। मारबर्ग आमतौर पर जानलेवा होता है, इसका औसत मृत्यु दर लगभग 80% है। कोविड-19 के कारण फिलहाल मृत्यु का खतरा 2.7 से 4 प्रतिशत के बीच रहा है। कोविड-19 से बचाव के लिए टीके और सहायक उपचार उपलब्ध हैं हालांकि मारबर्ग वायरस के लिए कोई भी वैक्सीन या विशिष्ट उपचार नहीं है।

वायरस को रोकने और संक्रमितों में इसकी जटिलताओं को कम करने के लिए प्रयास को लेकर डब्ल्यूएचओ ने सभी से सावधान रहने की अपील की है। विशेषज्ञों ने कहा, नैदानिक देखभाल और संक्रमण की रोकथाम- नियंत्रण पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।

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स्रोत और संदर्भ
Rwanda reports first-ever Marburg virus disease outbreak, with 26 cases confirmed

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