महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि ‘पिछले साल राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में अनियमितता हुई.’
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ” ताउम्र राहुल गांधी आप यह ही ग़लती करते रहे कि धूल चेहरे पर थी, लेकिन आईना पोछते रहे.”
हाल ही में राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया था कि, ‘महाराष्ट्र में मतदाता सूची में फर्ज़ी मतदाता जोड़े गए, मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ा कर दिखाए गए और बाद में सबूत छिपाए गए.’
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·पुणे: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर कहा, “मैं राहुल गांधी को इतना ही कहना चाहूंगा कि ताउम्र राहुल गांधी आप यही गलती करते रहे, धूल चेहरे पर थी और आप आईना साफ करते रहे।”
राहुल गांधी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के लिए लिखे अपने लेख की फोटो शेयर करते हुए लिखा, “चुनाव की चोरी का पूरा खेल. 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था.”
महाराष्ट्र की 288 सीटों की विधानसभा के लिए साल 2024 में हुए चुनावों में बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत हासिल की थी, उसने 149 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे.
जबकि कांग्रेस ने 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे महज़ 16 सीटों पर जीत मिली थी.
जबकि कांग्रेस की सहयोगी पार्टी शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट को 95 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद 20 सीटों पर जीत मिली थी.
वहीं कांग्रेस की एक अन्य सहयोगी पार्टी एनसीपी (शरद पवार गुट) ने 86 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 10 सीटों पर जीत मिली थी.
Aadesh Rawal
@AadeshRawal
राहुल गांधी ने आज 13 भाषा और 15 अख़बारों में लेख लिखा है।जिसमें वह जनता को बात रहे हैं कि महाराष्ट्र में वोटों की चोरी हुई है।साथ ही बिहार,असम और केरल के चुनाव से पहले वह चुनाव आयुक्त को अपना समर्थन भी दे रहे हैं और आगाह भी कर रहे हैं कि लोकतंत्र बचाने के लिए इसे ठीक करना ज़रूरी है।
Navneet Mishra
@navneetmishra99
धाँधली कर महाराष्ट्र चुनाव जीतने के राहुल गांधी के दावे में कितनी सच्चाई ?
राहुल गांधी का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के 5 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में 39 लाख वोट कैसे बढ़ गए ? यहां पिछले 2004 और 2009 के चुनाव का डेटा है, तब भी लोकसभा की तुलना में 29 और 30 लाख वोट बढ़े थे।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता उतनी रुचि नहीं लेते, जितनी रुचि विधानसभा चुनाव में। यही वजह है कि विधानसभा चुनावों में हर राज्य में वोटर की संख्या ज़्यादा होती है