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महाराष्ट्र के खारगर में अमित शाह के कार्यक्रम के दौरान भीषण गर्मी से 14 लोगों की नहीं 50 से 75 लोगों की मौत हुई है : संजय राउत का बयान!

मुंबई: महाराष्ट्र के खारगर में ‘महाराष्ट्र भूषण समारोह’ के दौरान भीषण गर्मी से 14 लोगों की मौत के मामले में संजय राउत के ताजा बयान से हड़कंप मच गया है। शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने इस त्रासदी को लेकर गुरुवार को दावा किया कि समारोह में 50 से 75 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि आरोपी महाराष्ट्र सरकार मृतकों की असली संख्या को छुपा रही है। राउत के बयान के बाद शिवसेना नेताओं ने झूठ फैलाने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नवी मुंबई में हुए इस आयोजन में भीषण गर्मी और तेज धूप के कारण 14 लोगों की मौत हुई और कई अन्य को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

कार्यक्रम में शामिल हुए थे काफी लोग

बता दें कि चिलचिलाती धूप में आयोजित ‘महाराष्ट्र भूषण समारोह’ में काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे। राउत ने कहा कि उन्होंने रायगढ़ जिले के उरण, श्रीवर्धन, रोहा और मानगांव तालुकों से अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बात की, जिन्होंने उन्हें बताया कि खारघर में मरने वालों की असल संख्या सरकार द्वारा जारी की गई संख्या से ज्यादा है। इस समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता अप्पासाहेब धर्माधिकारी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।

‘सरकार को सत्ता में रहने का हक नहीं’
राउत ने कहा, ‘अगर सभी गांवों (रायगढ़ के तालुकों से) का कुल आंकड़ा देखें तो न्यूनतम 50 और अधिकतम 75 लोगों की मौत हुई है। ‘खोके सरकार’ के लोग अपने घरों में पहुंच गए हैं और अन्य परिवार के सदस्यों की आवाज दबा दी है। यह एक क्रूर सरकार है और इसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।’ बता दें कि ‘खोके सरकार’ शब्द का इस्तेमाल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार का मजाक उड़ाने के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेताओं द्वारा किया जाता है।

संजय राउत के खिलाफ शिकायत दर्ज
इस बीच शिवसेना के नेता संजय शिरसाठ, भारत गोगावाले और किरण पावसकर ने मुंबई के मरीन लाइन्स पुलिस स्टेशन में संजय राउत के इस बयान के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिवसेना नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ संजय राउत ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया, खारघर मौतों को लेकर झूठा आंकड़ा बताया और लोगों में सरकार की छवि मलिन करने की कोशिश की।